अदालतों से क्यों नाराज हैं वरिष्ठ वकील Kapil Sibal; कहा, शर्म से झुक जाता है सिर
Kapil Sibal on Judiciary: कपिल सिब्बल ने न्यायपालिका को लेकर कई बाते सामने रखी हैं. उन्होंने कहा है कि संस्था के कुछ मेंबर्स ने उन्हें काफी निराश किया है और जब भी वह मौजूदा हालात को देखते हैं तो उनका सिर शर्म से झुक जाता है.
Kapil Sibal on Judiciary: राज्यसभा के सदस्य और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने न्यायपालिका के मौजूदा हालातों पर फिक्र जताई है. कपिल सिब्बल ने कहा है कि कि संस्था के कुछ सदस्यों ने उन्हें निराश किया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल में जो हुआ है उस से मेरा सिर शर्म से झुक जाता है. उन्होंने पीटीआई को दिए गए एक इंटरवूय में बीजेपी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बेजेपी की नेतृत्व वाली सरकार ने संस्थाओं का गला घोटकर सही में आपातकाल लागू कर दिया है. कानून का हर रोज़ उल्लंघन किया जा रहा है. सिब्बल का कहा कि सरकार चाहती है कि मौजूदा सरकार केवल कांग्रेस मुक्त भारत नहीं बल्कि विपक्ष मुक्त भारत चाहती है.
मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर कही ये बात
ऑल्ट न्यूज के कॉ फाउंडर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह बेहद फिक्र का मुद्दा है. न्यायपालिका कै कुछ सदस्यों ने हमे निराश किया है. जो कुछ भी हुआ है उस से मेरा सिर शर्म से झुक गया है. कपिल सिब्बल ने कहा कि चार साल पहले के ट्वीट को लेकर किसी इंसान का गिरफ्तार होना समझ के परे है जिसका कोई संप्रदायिक असर ना हुआ हो. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां अब पहले इंसान को गिरफ्तार करती हैं और फिर जांच शुरू करती हैं.
बिना बहस न्यायाधीश निष्कर्ष पर निकल जाते हैं
कपिल सिब्बल ने जकिया जाफरी मामले को लेकर बात की. आपको बता दें जकिया जाफिरी के मामले में कोर्ट के फैसले की कई लोग आलोचना कर रहे हैं. साल 2002 में हुए संप्रादायिक दंगों में उस वक्त रहे मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य 63 लोगों को एसआईटी ने क्लीन चिट के फैसले को कोर्ट ने बरकरार रखा है. इस केस को लेकर उन्होंने कहा कि वह जकिया के वकील रह चुके हैं उनका इस मामले में टिप्पणी करना सही नहीं होगा. सिब्बल ने कहा लेकिन मैं आपसे कह सकता हूं कि हमने देखा है कि जज उस मामले में फैसला सुना देते हैं जिस पर बहस ही नहीं हुई है. न्यायधीश उन मामलों पर फैसला कर लेते जिनको लेकर अपील ही नहीं की गई और कुछ साफ दिखने वाले नजीर को नजरअंदाज करते हैं.
लोग आज के हालातों पर बिना डरे करें बात
कपिल सिब्बल ने जुबैर और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के ज़रिए फिक्र जताने के लेकर कहा कि भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित हो रही है. लेकिन भारतीय लोगों को मानवाअधिकार की हिफाजत करने वाली अदालतों पर भरोसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अह वक्त आ गया है कि कानून के शासन को लेकर इस प्रोफेशन से जुड़े लोग आज के हालातों पर खुलकर और बिना डरे बात करें.
नुपूर शर्मा को लेकर कही ये बातें
पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा को लेकर हुए विवाद पर कपिल सिब्बल ने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि नफरत चुनावी फायदे का ज़रिए बन गई है. उन्होंने कहा कि जब नफरत चुनाव जीतने, रणनीति और राजनीतिक का हिस्सा बन जाती है तो उदयपुर जैसे घटनाएं होती हैं. आपको बता दें हालही में उदयपुर में दो लोगों ने एक दर्जी का सिर कलम कर दिया था.
ऐसा नहीं है कि अदालते भूल नहीं करतीं
हालही में कांग्रेस छोड़ने वाले कपिल सिब्बल ने कहा- आातकाल के ऐलान को बदकिस्मती से सुप्रीम कोर्ट ने सही मावा था. यह दिखाता है कि ऐसा नहीं है कि कोर्ट भूल नहीं करती हैं. हम उस काले दिन को भूलना चाहते हैं जब कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था. उन्होंने कहा कि आज हालात उस से भी खराब हैं क्योंकि कानून के हक के बिना असली में आपातकाल लागू है. उन्होंने कहा कि अपोजीशन के एखजुट होने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं है.
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