Siddaramaiah On Amartya Sen Remark: नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने बुधवार को  सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि हालिया लोकसभा चुनाव के नतीजों से यह संकेत मिलता है कि भारत 'हिंदू राष्ट्र' नहीं है. अर्थशास्त्री के इस बयान से देश में सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस के सीनियर नेता व कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी अमर्त्य सेन के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रया व्यक्त की है.


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कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं, बल्कि बहुलवाद और कई कम्युनिटी और एकता का देश है. उन्होंने कहा,  "हम कहते रहे हैं कि भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं बनाया जा सकता है."



सेन ने साधा निशाना
वहीं, अमर्त्य सेन ने बिना मुकदमे के जेल में बंद लोगों को लेकर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान लोगों को बिना किसी मुकदमे के जेल में डाल दिया जाता था. वो प्रचलन अभी भी जारी है. इतना ही नहीं उन्होंने इल्जाम लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार की तुलना में बिना मुकदमे के जेल में डालने का प्रचलन बीजेपी की सरकार में ज्यादा है.


अमेरिका से कोलकाता पहुंचे मशहूर अर्थशास्त्री सेन ने बुधवार (26 जून 2024) को कहा, "हम हमेशा हर चुनाव के बाद बदलाव देखने की उम्मीद करते हैं… पहले (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दौरान) जो कुछ हुआ, जैसे लोगों को बिना मुकदमे के सलाखों के पीछे डालना और अमीर और गरीब के बीच की खाई को बढ़ाना, वह अभी भी जारी है. इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए."


उन्होंने आगे कहा,  "जब मैं छोटा था, मेरे कई चाचाओं और चचेरे भाइयों को बिना मुकदमा चलाए जेल में डाल दिया गया था. हमें उम्मीद थी कि भारत इससे मुक्त हो जायेगा. यह नहीं रुका इसके लिए कांग्रेस भी दोषी है. वर्तमान सरकार के तहत यह ज्यादा चलन में है."


सेन ने फैजाबाद सीट से BJP की हार पर क्या कहा? 
नोबेल पुरस्कार विजेता ने राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि मंदिर का निर्माण कराने के बावजूद BJP फैजाबाद सीट हार गई. उन्होंने कहा, "राम मंदिर का निर्माण कराने के लिए काफी पैसा खर्च किया गया था. भारत को एक हिंदू राष्ट्र के रूप में दर्शाने का प्रयास महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के देश में नहीं होना चाहिए था. यह भारत की वास्तविक पहचान को नजरअंदाज करने का प्रयास दिखता है और इसे बदलना चाहिए."


लोकसभा चुनाव 2024 का जनादेश
हाल ही में खत्म हुए आम चुनावों में भाजपा 240 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. हालांकि, बीजेपी 543 सीटों वाली लोकसभा में 272 के बहुमत के आंकड़े को छूने में असफल रही. इसके चलते केंद्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को अपने सहयोगियों एन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और बिहार के सीएण नीतीश कुमार की जेडी (यू) पर निर्भर होना पड़ा. वहीं, विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने 243 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसमें से कांग्रेस को 99 सीटें मिली.