कर्नाटक: 26 अगस्त को लिंगायत मठ के प्रमुख शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू की गिरफ्तारी के बाद से अफरा तफरी का माहौल है. मठाधीश शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू पर एक हफ्ते पहले  कथित तौर पर दो नाबालिग़ छात्राओं के साथ जिंसी इस्तेहसाल का केस दर्ज कराया गया था,जिसके बाद एक सितंबर की रात को उन्हें मठ से गिरफ्तार कर लिया. शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में चित्रदुर्ग ज़िला जेल भेजा गया है. मैसूर पुलिस ने शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू के ख़िलाफ़ POCSO एक्ट और IPC की दफा 376 के तहत रेप से संबंधित शिकायत दर्ज की थी.


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शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू के ख़िलाफ़ यह शिकायत दो नाबालिग़ लड़कियों ने दर्ज कराई है. शिकायतकर्ताओं ने राज्य बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अराकीन को बताया था कि जनवरी 2019 से जून 2022 के दरमियान उनका जिंसी इस्तेहसाल किया गया. मुतास्सिरीन के बयान पर शिकायत दर्ज  की गई. जिसके बाद जुमेरात को उनकी गिरफ्तारी की गई. चित्रदुर्ग के एसपी परशुराम ने शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू की गिरफ्तारी की तस्दीक़ की है. उन्होने बताया कि मठाधीश को गिरफ्तार कर लिया है और सभी कानूनी कार्रवाई पर अमल किया जाएगा. पुलिस ने इस केस में मठ हॉस्टिल की वार्डन रश्मि को पूछताछ के बाद गिरफ़्तार कर लिया. उनके बाद स्वामी शिवमूर्ति को भी गिरफ़्तार किया गया.


शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू ने बनाई ख़ास पहचान
डॉ. शिवमूर्ति 17वीं सदी के मठों को मज़हबी स्कूलों में बदलने के लिए मशहूर हैं. ईसाई स्कूलों की तर्ज़ पर ही उन्होंने मठों का एक क्लस्टर बनाया है, जो कि कर्नाटक के कई इलाक़ों में फैला हुआ है. ख़ास कर नार्थ ज़िलों में लिंगायत तबक़े का काफी दबदबा नज़र आता है. कर्नाटक में सबसे ताक़तवर लिंगायत मठों में शामिल डॉ. शिवमूर्ति मुरुगा शरणरु की गिरफ़्तारी से लिंगायत तबक़े के लोग सदमे में हैं.  मुरुगा मठ ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की भलाई का एक ऐसा ट्रेंड सेट कर दिया है जिससे उनके मानने वालों में उनका एक ख़ास मक़ाम बन गया है. शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू ने लोगों की भलाई के लिए कई काम किए जिसकी वजह से वो लोगों में काफी मक़बूल हो गए. आर्थिक तौर पर कमज़ोर लोगों की मदद के लिए वो हमेशा तैयार रहते थे. उन्होने आर्थिक तौर पर कमज़ोर लोगों की शादियां कराकर कराई. इसके अलावा दूसरे समाजी कामों में भी वो हमेशा आगे रहते.यहीं वजह है कि उनके मानने वाले लोगों की तादाद में दिन व दिन इज़ाफ़ा होता गया.


सियासत में अहम मक़ाम रखता है लिंगायत तबक़ा
शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू कर्नाटक के सबसे अहम लिंगायत मठ के प्रमुख हैं. लिंगायत तबक़े सियासत में भी काफी असरदार है. लिंगायत तबक़े की अहमियत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि कर्नाटक के मौजूदा सीएम बोम्मई से लेकर साबिक़ सीएम  बीएस येदियुरप्पा तक का ताल्लुक़ लिंगायत तबक़े से हैं. कुछ वक़्त बाद कर्नाटक में असेंबली इलेक्शन होने वाले हैं. इलेक्शन में शह और मात का फैसला लिंगायत तबक़े से जुड़ा माना जाता है. भारत के अहम राज्य कर्नाटक में मठों की तादाद बहुत ज़्यादा है जो कि इस लिहाज़ से कर्नाटक को ख़ास बनाती है.