Karnataka Rains: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि "राज्य के कई हिस्सों में जारी मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण अब तक 38 लोगों की जान जा चुकी है." राज्य में बारिश और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल राहत और बचाव कार्य करने का निर्देश दिया और जानमाल की हानि को रोकने के उद्देश्य से आवश्यक एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है.


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सिद्धारमैया ने कहा, "मानसून की बारिश के कारण 1 जून से अब तक अड़तीस लोगों की मौत हो गई है और 35 घायल हो गए हैं. 57 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. 208 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है और 2,682 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो हुआ हैं. और 105 मवेशियों की जान चली गई है."


राज्य में मौसम और फसल की स्थिति का आकलन करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों और जिला पंचायत सीईओ की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद, उन्होंने कहा कि "185 हेक्टेयर कृषि फसलें और 356 हेक्टेयर बागवानी फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. तो कुल मिलाकर, बारिश और बाढ़ के कारण 541 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है."


आगे उन्होंने कहा, कुल 11,995 बिजली के खंभे, 894 ट्रांसफार्मर और 215 किलोमीटर लंबी बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है. पुलों, कक्षाओं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित अन्य को हुए नुकसान का जानकारी दिया और कहा कि "दो राहत शिविर स्थापित किए गए हैं सरकार द्वारा अब तक जहां करीब 50 लोग शरण लिए हुए हैं.''


मुख्यमंत्री के मुताबिक, जून में 56 फीसदी कम बारिश हुई थी. जिससे बुआई समेत कृषि गतिविधियां प्रभावित हुई थीं. लेकिन जुलाई में राज्य में अब तक 313 मिमी बारिश हुई है. जो सामान्य से 37 फीसदी ज्यादा है.


उन्होंने कहा कि उडुपी, "दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़, कोडागु और बीदर में अधिक बारिश हुई है, जबकि 21 जिलों में यह सामान्य थी और छह अन्य जिलों में कम बारिश हुई है. जून और जुलाई में 80 फीसदी से ज्यादा बुआई हो चुकी है.


उन्होंने आगे कहा, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले दो दिनों में और बारिश होगी और यह एक सप्ताह तक जारी रह सकती है. कावेरी और कृष्णा बेसिन में सभी जलाशय 60 से 70 प्रतिशत भर चुके हैं और एक सप्ताह में 227 टीएमसी पानी जलाशयों में बह चुका है. इस बैठक में उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और कई अन्य वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शामिल हुए.


इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि सभी मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. सिद्धारमैया ने कहा कि "उन्होंने पशुधन के नुकसान, क्षतिग्रस्त घरों और राहत प्रदान करने के लिए एक अनुमान लगाने का निर्देश दिया है और वैकल्पिक व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं. कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए उन स्थानों पर सड़कें उपलब्ध हैं जहां पुल डूबे हुए हैं.


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