Karnataka Violence: समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बुधवार को कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला कस्बे में संप्रदायिक तनाव फैल गया. यह मामला गणपति जुलूस के दौरान दो ग्रुप के बीच झड़प के बाद पेश आया.


क्या है पूरा मामला?


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यह घटना तब हुई जब बदरीकोप्पलु से श्रद्धालु गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जा रहे थे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुकाबिक, जब जुलूस मुख्य सड़क से गुजर रहा था, तो कथित तौर पर एक मस्जिद के पास से उस पर पत्थर फेंके गए. हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि पत्थर किसने फेके थे.


हिंदू समुदाय ने पुलिस स्टेशन के सामने किया प्रोटेस्ट


इसके बाद कई हिंदू युवकों ने पुलिस स्टेशन के सामने गणेश की मूर्ति रख दी और न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान आक्रोश में लोगों ने कुछ दुकानों में आग लगा दी और टायर जलाए, जिससे तनाव और बढ़ गया. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दोनों ग्रुप एक दूसरे की तरफ पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं.


भीड़ को शांत करने और हालात को नॉर्मल करने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग के सीनियर अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद, पुलिस ने में इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया और हालात को कंट्रोल में लाने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (उपद्रव या खतरे की आशंका के तत्काल मामलों में जारी किया जाने वाला आदेश) लागू कर दी गई.


यूनियन मिनिस्टर ने की आलोचना


केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने नागमंगला कस्बे में हुई हिंसा की निंदा की और इसके लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना कांग्रेस के जरिए “एक समुदाय के तुष्टीकरण” के कारण हुई है.


उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा,"मैं मांड्या जिले के नागमंगला में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान हुई घटना की कड़ी निंदा करता हूं. यह शहर में शांति और व्यवस्था की विफलता है कि एक समुदाय के बदमाशों ने जानबूझकर भगवान गणपति के जुलूस में शांतिपूर्वक चल रहे भक्तों को निशाना बनाकर हिंसा की, जनता और पुलिसकर्मियों पर पत्थर और चप्पल फेंके, पेट्रोल बम विस्फोट किए और तलवारें लहराईं.