Karanataka Assembly Election: उत्तर पूर्व कांग्रेस समन्वय समिति (NECC) ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को 'राजधर्म' का पालन करना चाहिए और राज्य में शांति बहाल करने पर ध्यान देना चाहिए. मणिपुर में हुई हिंसा हाल के दिनों में राज्य की राजनीति का ध्रुवीकरण किए जाने की 'गलतियों' का परिणाम है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कांग्रेस ने दिया आम मुद्दों पर ध्यान


NECC के महासचिव दिगंत चौधरी ने कहा कि कर्नाटक के जनादेश से पता चलता है कि दक्षिणी राज्य के लोगों ने नफरत की राजनीति के बजाय प्यार की राजनीति को अपनाया है और सामाजिक सद्भाव और आर्थिक विकास के लिए मतदान किया है. चौधरी ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस आम लोगों के सामने आने वाले मुद्दों- जैसे बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, मूल्यवृद्धि आदि पर चुनाव मैदान में उतरी, जबकि भाजपा की 'डबल इंजन' सरकार धन बल और सांप्रदायिक राजनीति पर निर्भर थी.


यह भी पढ़ें: 40 साल बाद किसी पार्टी अध्यक्ष ने बचाई है अपनी लाज; राजीव के बाद सब हुए थे फेल


NECC ने की राहुत की तारीफ


बयान में कहा गया है, NECC कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सराहना करती है, जिनकी भारत जोड़ो यात्रा ने घृणा पर प्रेम की सर्वोच्चता स्थापित करने और सामाजिक सद्भाव स्थापित करने की जरूरत में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है, जो देश को आर्थिक समृद्धि की ओर ले जाएगा. उन्होंने कहा कि NECC कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केपीसीसी के सभी नेताओं और अन्य कांग्रेस नेताओं के प्रति भी अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करती है, जो राज्य में पार्टी को शानदार जीत दिलाने के लिए कांग्रेस की रणनीति और अभियान का अभिन्न अंग थे.


कर्नाटक में जीती कांग्रेस


शनिवार रात भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस ने 224 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 136 सीटों पर जीत हासिल कर कर्नाटक में सत्ता में वापसी की. भाजपा ने 65 सीटें जीतीं, जबकि जनता दल (सेक्युलर) ने 19 सीटें हासिल कीं.


Zee Salaam Live TV: