Kathua Gangrape: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में साल 2018 में हुए गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है.  गैंगरेप मामले में मुल्ज़िम शुभम सांगरा पर नाबालिग़ नहीं बल्कि बालिग़ के तौर पर केस चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के आर्डर को रद्द करते हुए अपना फैसला सुनाया है. निचली अदालत ने अपने अहकामात में मुल्ज़िम को जुवेनाइल बताया था.


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मुल्ज़िम शुभम सांगरा पर बालिग़ के तौर पर चलेगा केस
जस्टिस अजय रस्तोगी व जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने जम्मू-कश्मीर इंतेज़ामिया की अपील पर 16 नवंबर को फैसला सुनाया. जस्टिस जेबी पारदीवाला ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि मेडिकल सबूतों पर भरोसा किया जा सकता है या नहीं, यह मौजूद सबूतों की अहमियत पर डिपेंड करता है. ऐसे में सीजेएम कठुआ के ज़रिए पास आर्डर को रद्द किया जाता है और ऐसी हालत में मुल्ज़िम को क्राइम के वक़्त नाबालिग़ नहीं माना जाता है.अर्ज़ी में कहा गया कि 2018 में क्राइम के वक़्त मुल्ज़िम बालिग़ था और हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आर्डर की तस्दीक़ करके ग़लती की है. 11 अक्तूबर 2018 को हाईकोर्ट ने 27 मार्च, 2018 के निचली अदालत ने इस मसले पर आर्डर दिया था. अर्ज़ी में कहा गया कि हाईकोर्ट ने यह टेस्ट भी नहीं किया कि मुल्ज़िम की डेट ऑफ़ बर्थ के बारे में निगम और स्कूल के रिकॉर्ड अलग-अलग हैं.


8 साल की बच्ची के साथ हुआ था गैंगरेप
 10 जनवरी 2018 को एक 8 साल की बच्ची अपने मवेशियों को चारा खिलाने के लिए गई थी, लेकिन वो घर वापस न लौटी. 17 जनवरी को जंगलों से उसकी लाश काफी बुरी हालत में  बरामद की गई. मेडिकल जांच में यह बात सामने आई कि विक्टिम के साथ कई दिनों तक गैंग रेप किया गया और फिर उसका क़त्ल कर दिया गया. बच्ची के साथ ऐसी दिल दहला देने वाली वारदात के बाद पूरे मुल्क में ज़बरदस्त एहतेजाज और मुज़ाहिरे हुए थे जिसमें काफी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया था.


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