Kawar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बवाल मचा हुआ है. दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने पर विपक्ष लगातार सरकार की आलोचना कर रहा है. अब एक और ऐसा मामला सामने आया है, जहां मुस्लिम होने की वजह से कारिगरों को काम छोड़ना पड़ा है. मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर में मौजूद साक्षी ढाबे पर काम कर रहे मुस्लिम कारिगरों को पुलिस के कहने पर नौकरी से निकाल दिया गया है.


घर लौटे मुस्लिम कर्मचारी


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चारों कर्मचारी काम-धांधा छोड़कर अपने घर चले गए हैं. इस मसले को पर होटल के मालिक लोकेश भारती का कहना है कि उन्होंने अपने यहां काम कर रहे चार मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. लोकेश कहते हैं कि मैं साक्षी टूरिस्ट ढाबा चलाता हूं, आदेश आया था कि सभी को होटल पर उसके मालिक का नाम लिखवाना है. हमने आदेश का पालन किया.


उन्होंने बताया कि मेरे यहां चार मुस्लिम कर्मचारी काम करते थे. पुलिस वाले यहां आए थे और कहने लगे कि ये लोग यहां काम नहीं कर सकते. यह बात गलत है वह अब क्या करेंगे. उनके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा.


पंचर वालों को भी लिखना होगा नाम


अगर आप इस गलत फहमी में है कि केवल भोजनालयों और खाने की जगहों पर ही नाम की प्लेच टंगाई गई. तो बता दें, मुज़फ्फरनगर मे योगी आदित्यनाथ के आदेशों का पालन करा रही है पुलिस होटल ढाबो के साथ साथ अन्य दुकानों पर भी नाम की प्लेच लगानी शुरू की है. पंक्चर की दुकान पर भी लगी नेम प्लेट लगाने का मामला सामने आया है. टायर पंक्चर कर्मचारी ने बताया पुलिस ने कहा नेम प्लेट उसे भी नेम प्लेट लगानी होगी.


क्या है मामला?


योगी सरकार और उत्तराखंड सरकार ने आदेश दिया है कि कांवड़ के रास्ते पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों, भोजनालयों, फल और सब्जियों की दुकानों पर उसके मालिक का नाम लिखना होगा. इस आदेश के बाद काफी बवाल हो रहा है, अपोजीशन लीडर सरकार इसे मुस्लिम मुखालिफ फैसला करार दे रही है.