Kerala News: केरल की एक अदालत ने एक मामले में नजीर पेश की है. अक्सर देखा गया है कि अदालत बड़े से बड़े अपराध के लिए दोषी को ज्यादा से ज्याद उम्रकैद या मौत की सजा देती है. लेकिन केरल की एक अदालत ने एक व्यक्ति को न तो उम्रकैद की सजा दी है, न ही उसे मौत की सजा दी है, बल्कि अदालत ने शख्स को 123 साल कैद की सजा सुनाई है. इस सजा के साथ अदालत ने दूसरी सजाएं भी दी हैं.


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दो मामलों में देषी पिता
दरअसल, केरल के एक शख्स पर इल्जाम है कि उसने अपनी बड़ी बेटी के साथ बार-बार बालात्कार किया. इस मामले में अदालत ने शख्स को मंगलवार को दोषी ठहराया. मंजेरी त्वरित अदालत के खास जज अशरफ ए एम ने अभियुक्त को अपनी छोटी नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न के लिए भी दोषी ठहराया और तीन साल की सजा सुनाई. अदालत ने दो अलग-अलग मामलों में बेटियों के बाप को सजा सुनाई है.


सात लाख रुपये जुर्माना
अदालत ने अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून की तीन धाराओं के तहत 40-40 साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही उसे किशोर न्याय अधिनियम के तहत अपराध के लिए तीन साल यानी कुल मिलाकर 123 साल की सजा सुनाई. अदालत ने उस पर सात लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. बताया जाता है कि ये मामला साल 2021 और 22 के बीच पेश आया. मामला साल 2022 में तब सामने आया जब पुलिस ने इस मामले की छानबीन की.


फास्ट ट्रैक हुई सुनवाई
सभी सजाएं एक साथ चलेंगी और उसे अधिकतम 40 साल की सजा काटनी होगी. छोटी बेटी के यौन उत्पीड़न के मामले में अदालत ने उसे तीन साल की सजा सुनाई और 1.85 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. अदालत ने फास्ट ट्रैक आधार पर मामले की सुनावाई की और सबूतों और साक्ष्यों की बिना पर पिता को दोषी करार दिया.