Elephant collapses on road and dies in Puducherry:  राह चलते-चलते अचानक गिरकर इंसानों की मौत के बारे में तो आपने खूब सुना और पढ़ा होगा, लेकिन बुधवार को पुडुचेरी में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे देखकर लोग हैरत में हैं. यहां रास्ते में चलते-चलते गिरकी एक हाथिनी की मौत हो गई. पुडुचेरी के श्री मनाकुला विनगयार मंदिर की 32 वर्षीय हथिनी बुधवार को सड़क पर अचानक गिर गई और उसकी मौत हो गई. पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी और उपराज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन ने हाथिनी लक्ष्मी की मौत पर उसे श्रद्धांजलि दी है. वहीं पशु संगठनों ने कहा है कि हाथी की मौत उसके अकेलेपन की वजह से हुई है.   

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मौत के सही कारणों का अभी पता नहीं 
मंदिर के ओहदेदारों ने बताया कि हाथी के पोस्टमार्टम से मौत के सही वहह का पता चलेगा. हालांकि बताया जा रहा है कि हाथी को पैर की कोई गंभीर बीमारी थी. पशु चिकित्सकों के मुताबिक, यह बीमारी बंदी बनाकर रखे गए हाथियों में आम समस्या है, क्योंकि वे इसकी वजह से सड़कों पर लंबे वक्त तक खड़े रहते हैं. डीएमके नेता और पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री आर.वी. जानकीरमन ने इस हाथी को मंदिर को दान कर दिया था.

मानसिक और शारीरिक तौर पर बीमार थी लक्ष्मी: पेटा 
वहीं, पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने हाथी के अचानक गिरने और उसकी मौत पर फिक्र का इजहार किया है. हाथिनी की मौत के पहले पेटा ने बार-बार पुडुचेरी सरकार से हाथी को अभयारण्य में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था. भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने भी 2015 में इस हाथिनी के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच करने के बाद उसकी सेहत पर चिंता जताई थी. 

उसे आजादी और खुशी से महरूम रखा गया 
पेटा इंडिया के एडवोकेसी प्रोजेक्ट की निदेशक खुशबू गुप्ता ने कहा, ’’पेटा इंडिया इस बात के लिए अफसोस जताती है कि लक्ष्मी को कभी भी वह जिंदगी जीने की इजाजत नहीं दी गई जो एक हाथी अपनी तरह के दूसरे आजाद हाथियों जैसी जिंदगी जीना चाहता है. उसे आजादी और खुशी से महरूम रखा गया था और सालों तक उसे कैद में अकेले के दर्द को सहने के लिए मजबूर किया गया. उसकी उदासी को देखते हुए, उसकी अचानक मृत्यु कोई आश्चर्य की बात नहीं है.’’ 


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