अहमदाबादः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने शनिवार को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भारत को एक कमजोर प्रधानमंत्री (weak prime minister) और कई दलों के सहयोग से बनी ‘खिचड़ी’ सरकार (Khichdi Government) की जरूरत है, ताकि समाज के कमजोर वर्ग को लाभ हो सके. ओवैसी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘एक शक्तिशाली प्रधानमंत्री सिर्फ समाज के ताकतवर लोगों की मदद करता है.’’ ओवैसी ने आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए दावा किया कि वह गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा से अलग नहीं है, क्योंकि उसने बिल्कीस बानो मामले में कसूरवारों की विवादास्पद रिहाई पर कोई स्टैंड नहीं लिया है. ओवैसी ने कहा है कि एआईएमआईएम दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी.

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ताकतवर प्रधानमंत्री ताकतवर लोगों के लिए काम करता है 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि ‘जवाहरलाल नेहरू’ के बाद सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री ने बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, चीनी घुसपैठ, कॉर्पोरेट टैक्स छूट और उद्योगपतियों के बैंक कर्ज के बारे में सवाल पर सिस्टम को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना ​​है कि इस वक्त मुल्क को एक कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत है. हमने एक ताकतवर प्रधानमंत्री देखा है, अब हमें एक कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत है, ताकि वह कमजोरों की मदद कर सके. जब कोई कमजोर प्रधानमंत्री बनता है, तो कमजोर को फायदा होता है, लेकिन जब एक मजबूत शख्स प्रधानमंत्री बनता है, तो शक्तिशाली लोगों का लाभ होता है.’’ 

इसलिए जरूरी है खिचड़ी सरकार 
एआईएमआईएम प्रमुख ने आगे कहा कि मुल्क को एक ‘खिचड़ी’ सरकार की जरूरत है. खिचड़ी सरकार से आशय विभिन्न दलों की मदद से बनी गठबंधन सरकार से है. मुफ्त में सौगात बांटने को लेकर जारी सियासी बहस पर उन्होंने कहा, ‘‘जिसे आप सौगात कहते हैं, वह सभी की तरफ से दी जा रही है. प्रधानमंत्री कारपोरेट टैक्स और उद्योगपतियों के कर्ज माफ करते हैं. 

नीतीश को पीएम चेहरा बनाने पर भाजपा को होगा फायदा 
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को साल 2024 में विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि अगर विपक्ष ने चेहरे पेश करके मोदी के साथ मुकाबला करने की कोशिश की, तो भाजपा को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि इसके बजाय, ‘‘हम सभी को देश के प्रत्येक लोकसभा सीट पर भाजपा के साथ मुकाबला करने की जरूरत है.’’ नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, ’’ साल 2002 के गुजरात दंगे के वक्त बिहार के मुख्यमंत्री भाजपा के सहयोगी थे, उन्होंने भगवा पार्टी के साथ सरकारें बनाईं और अब उन्होंने किसी और से हाथ मिला लिया है.’’ 
 


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