नई दिल्ली: बेरोजगारी समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर आज किसानों की महापंचायत बुलाई गई है. इस महापंचायत में इस बात का गौर किया जाना है कि किसान आंदोलन की वापसी के वक्त केंद्र सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे, उन वादों पर कितना अमल हुआ. वहीं दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर जमा होकर किसानों को पंचायत करने की इजाजत नहीं दी है. इसी बीच ये खबर आ रही है कि कई बड़े किसान नेताओं ने जंतर-मंतर पर होने वाली इस मीटिंग से दूरी बना ली है. 


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जानकारी के मुताबिक, जंतर-मंतर पर आयोजित किसान महापंचायत से पहले संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) में फूट की खबरें आने लगी है. स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने कहा कि महापंचायत से लेना-देना नहीं है. वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी अलग होने का ऐलान कर चुके हैं. 


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गौरतलब है कि जंतर-मंतर पर होने वाले किसान महापंचायत में शिरकत करने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से बड़ी तादाद में किसान जंतर-मंतर पहुंच रहे हैं. इस महापंचायत के मद्देनजर जंतर-मंतर पर सुरक्षा सख्त इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा, पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को भी यहां तैनात किया गया है. साथ-साथ यहां वाटर कैनन की कई गाड़ियां भी यहां लगाई गई हैं.


जानकारों के मुताबिक, इस महापंचायत के जरिए किसान सरकार ये पैगाम भी देने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर उनकी मांगों पर जल्द से जल्द अमल नहीं किया गया तो फिर से आंदोलन शूरू कर दिया जाएगा. अब सरकार पर इस किसान महापंचायत का क्या असर होता है ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा. 


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