क्या देश के मिलने वाला है एक और मुस्लिम राष्ट्रपति? जानिए कैसा रहा मोहम्मद आरिफ
President election: चुनाव की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति के उम्मीदवारों के नामों की चर्चा शुरू हो गई है. इसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान टॉप ट्रेंड कर रहे हैं.
नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने 16वें राष्ट्रपति के चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही इस सर्वोच्च संवैधानिक पद के उम्मीदवारों को लेकर सियासी हलकों से लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है. सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर जिन हस्तियों के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है उनमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सबसे आगे हैं. हालांकि सोशल मीडिया के संभावित उम्मीदवारों में फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन भी शामिल हैं.
रतन टाटा को भी कुछ लोग बना रहे हैं उम्मीदवार !
ट्विटर पर कुछ लोगों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में मूल रूप से ओड़िशा की रहने वाली दो बार की विधायक व एक बार राज्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुकीं और झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके तो कुछ ने रतन टाटा और कुछ ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के नाम भी सुझाए हैं. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती ने विश्वसनीय सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि खान इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदारों में शुमार हैं.
ट्विटर पर 10 शीर्ष ट्रेंड में आरिफ मोहम्मद खान
ट्विटर पर आम लोगों ने कयास लगाने के साथ ही काबिल उम्मीदवारों के नाम सुझाने शुरू कर दिए हैं. चुनाव की घोषणा के कुछ घंटे के भीतर ही आरिफ मोहम्मद खान का नाम भारत में ट्विटर पर 10 शीर्ष में ट्रेंड करने लगा. ट्विटर यूजर रिटायर्ड मेजर अमित बंसल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘निजी तौर पर मेरा मानना है कि राष्ट्रपति पद के लिए सबसे काबिल उम्मीदवार आरिफ मोहम्मद खान हैं. मैं उन्हीं के शहर से आता हूं और उन्हें जानता हूं, इसलिए दावे के साथ कह सकता हूं. भारत उनकी रगों में दौड़ता है. भारत उनके दिमाग में छाया रहता है और वह एक सच्चे देशभक्त हैं, जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है.’’ कुछ ट्विटर उपयोगकर्ता ने यहां तक लिखा कि खान को राष्ट्रपति बनाया जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और ‘‘मास्टर स्ट्रोक’’ होगा.
चौंका सकते हैं मोदी-शाह के फैसले
लोकसभा और राज्यसभा के साथ-साथ कई राज्य विधानसभाओं में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संख्या बल को देखते हुए केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी अले चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत आसानी से यकीनी करने की स्थिति में है. भाजपा में अभी तक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर कोई औपचारिक चर्चा भी शुरू नहीं हुई है. हालांकि, इस बारे में जब एक भाजपा नेता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले भाजपा की संसदीय बोर्ड में लिए जाते हैं और फिर उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी दलों में आम राय बनाई जाती है. उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर भले ही कई नामों की चर्चा हो लेकिन भाजपा में इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है. पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी आप लोगों ने देखा होगा क्या हुआ था... मोदी जी के फैसले अक्सर चौंकाने वाले होते हैं.’’
कोविंद के नाम से हैरत में पड़ गए थे लोग
पिछला राष्ट्रपति इंतखाब 2017 में 17 जुलाई को हुआ था और मतों की कांउटिंग 20 जुलाई को हुई थी. कोविंद ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और विपक्षी दलों की उम्मीदवार मीरा कुमार को लगभग 3,34,730 मूल्य के वोटों से हरा दिया था. कोविंद की उम्मीदवारी के ऐलान से पहले सियासी गलियारों में कई नामों की चर्चा जोरों पर थी लेकिन जब तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद कोविंद के नाम की घोषणा की थी तो सभी हैरत में पड़ गए थे.
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