Kolkata Rape Case: कोलकाता रेप केस और मर्डर के खिलाफ डॉक्टर लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा है कि वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर, जिसके साथ बलात्कार किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी, के लिए न्याय की मांग को लेकर अपना 'काम बंद' जारी रखेंगे, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 10 सितंबर को शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया है.


सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन अब क्या करेंगे डॉक्टर


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सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की बंगाल शाखा ने भी कहा कि वह प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से "पूरी तरह निराश" है. इस बीच, महानगर के विभिन्न हिस्सों में ‘9-9-9’ नामक कार्यक्रम के तहत रैलियां निकाली गईं, जिसमें लोग सोमवार शाम को घड़ी में 9 बजते ही नौ मिनट के लिए इकट्ठा हुए और आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की.


सु्प्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?


सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों को पश्चिम बंगाल सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए मंगलवार शाम 5 बजे तक अपनी ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने यह निर्देश पश्चिम बंगाल सरकार के जरिए यह आश्वासन दिए जाने के बाद दिया कि अगर प्रदर्शनकारी डॉक्टर काम पर लौटते हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक तबादले सहित कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.


हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने कहा कि वे मंगलवार दोपहर को साल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ तक एक रैली निकालेंगे और राज्य के स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक के इस्तीफे की मांग करेंगे.


आईएमए ने कही थी ये बात


आईएमए बंगाल राज्य शाखा ने एक बयान में मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो और पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की थी और उन पर ट्रेनी डॉक्टर को न्याय दिलाने और स्वास्थ्य सिंडिकेट पर नकेल कसने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया था. आईएमए ने यह भी कहा था कि विरोध प्रदर्शन "खत्म नहीं होगा" और समाधान तक पहुंचने तक यह "और मजबूत होता जाएगा".