Koo App: देसी ट्विटर Koo App इस वजह से हो जाएगा बंद, कंपनी के संस्थापकों ने कही ये बड़ी बात
Koo shutting down: एक समय ऐसा था, जब लगभग 21 लाख लोग रोजना ‘कू’ का इस्तेमाल करते थे. मंच पर कई मशहूर हस्तियों के खाते भी हैं. संस्थापकों ने कहा, ‘‘हम साल 2022 में भारत में ट्विटर को पछाड़ने से बस कुछ ही महीने दूर थे.
Koo shutting down: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (अब X) को एक वक्त टक्कर देने वाला देसी एप ‘कू’ अब बंद होने जा रहा है. चार साल पहले मार्केट में आया Koo ऐप लोगों को पसंद नहीं आ रहा था, जिसकी वजह से कंपनी को मार्केट में बने रहने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था. अब आखिरकार कंपनी के संस्थापकों ने इस ऐप को बंद करने का फैसला किया है.
Koo ऐप के सह-संस्थापकों ने क्या कहा?
दरअसल, Koo ऐप के सह-संस्थापकों ने ‘कड़े फैसलों’ के बारे में जानकारी देते हुए एक भावुक ‘नोट’ लिखा, ‘अलविदा’’. लिंक्डइन पर एक पोस्ट में मंच के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने ऐलान किया है कि मंच जनता के लिए अपनी सेवाएं बंद कर देगा. कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों के साथ साझेदारी के लिए बातचीत से वांछित परिणाम नहीं निकले.
फंड नहीं जुटा पाए
उन्होंने लिखा है, ‘‘हमने कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों तथा मीडिया घरानों के साथ साझेदारी की संभावना तलाशी, लेकिन इन बातचीत से वह रिजल्ट नहीं निकला जो हम चाहते थे.’’ दोनों ने कहा कि हालांकि वे ऐप को चालू रखना चाहते थे, लेकिन ‘‘सोशल मीडिया ऐप को चालू रखने के लिए प्रौद्योगिकी सेवाओं की लागत ज्यादा है. इसलिए हमें यह कठिन फैसला लेना पड़ा है.’’
कभी मौजूदा एक्स को देता था टक्कर
एक समय ऐसा था, जब लगभग 21 लाख लोग रोजना ‘कू’ का इस्तेमाल करते थे. मंच पर कई मशहूर हस्तियों के खाते भी हैं. संस्थापकों ने कहा, ‘‘हम साल 2022 में भारत में ट्विटर को पछाड़ने से बस कुछ ही महीने दूर थे. पूंजी होने पर हम उस लक्ष्य को दोगुना गति से हासिल कर सकते थे.’’ उन्होंने कहा कि हालांकि कंपनी में कोष की कमी से योजनाओं को अंजाम देना मुश्किल हो गया. इससे मंच की वृद्धि धीमी हो गई. छोटी पीली चिड़िया अंतिम अलविदा कहती है.
Koo ऐप का (लोगो) छोटी पीली चिड़िया है. गौरतलब है कि भारत में ‘कू’ की लोकप्रियता 2021 के आसपास चरम पर थी. उस वक्त भारत सरकार का ट्विटर (अब नाम एक्स) के साथ विवाद चल रहा था और घरेलू डिजिटल मंच के परिवेश के विस्तार की मांग बढ़ रही थी.