Jamia Millia Islamia: लद्दाख में रहने वाले पॉलिटिकल एक्टिविस्ट सज्जाद हुसैन कारगिली ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू को एक ज्ञापन सौंपा है और गुज़ारिश की है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में इस्लामी स्टडीज़ डिपार्टमेंट के हिस्से के तौर पर शिया थियोलॉजी पढ़ाई जाए.


क्या है पूरा मामला?


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लद्दाख के सबसे बड़े इस्लामिक संगठन जमीयत उल उलमा इस्ना अशरिया कारगिल के रिप्रेजेंटेटिव सज्जाद ने यह ज्ञापन सौंपा है. जिनका कहना है कि इस्लामिक डिपार्टमेंट में शिया थियोलोजी भी पढ़ाई जाए.


क्या है शिया थियोलॉजी का मतलब


शिया थियोलॉजी यानी शिया धर्मशास्त्र, जिसमें मुसलमानों के शिया फिरके की मान्यताओं के बारे में पढ़ाया जाता है. बता दें, मुसलमान मान्यताओं के मामले में दो भागों में बंटे हुए हैं, सुन्नी और शिया. दोनों एक ही खुदा पर यकीन रखते हैं, लेकिन कुछ मामलों मे मतभेद हैं. इस मांग के बाद अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है. बता दें, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शिया थियोलॉजी में बीए (ऑनर्स) कोर्स कराया जाता है. 


इसके साथ ही एक्टिविस्ट सज्जाद हुसैन ने केंद्र सरकार से लद्दाख में एक आवासीय कोचिंग संस्थान खोलने की भी गुज़ारि की है. ताकि यहां पर रहने वाले स्टूडेंट्स यूपीएससी, एनईईटी, जेईई और दूसरे एग्जाम्स की तैयारी कराई जा सके.


गुरुवार को गिया गया मेमोरेंडम


गुरुवार को पेश किए गए ज्ञापन में लद्दाख के युवाओं को सशक्त बनाने और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए कई दूसरे  प्रस्ताव भी शामिल थे. इसमें लद्दाख के युवाओं के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत एक विशेष फेलोशिप कार्यक्रम मुहैया कराने का प्रस्ताव किया गया, जिसका मकसद युवाओं को शासन और नेतृत्व प्रशिक्षण प्रदान करना है.


इसके अलावा, इसने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से विदेश में हायर एजुकेशन की चाह रखने वाले छात्रों को वित्तीय और रसद सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया है.