`भारत जोड़ा यात्रा` में शामिल होगा कठुआ बलात्कारियों को बचाने वाला नेता! प्रवक्ता ने दिया इस्तीफा
Bharat Jodo Yatra in Kashmir: राहुल गांधी की यात्रा आज यानी गुरुवार को कश्मीर में दाखिल हो जाएगी. लेकिन उससे पहले ही यात्रा विवादों में घिर गई है. जानिए आखिर क्यों?
श्रीनगर: राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा में पूर्व मंत्री लाल सिंह की कथित भागीदारी को लेकर जम्मू-कश्मीर में एक बड़ा विवाद छिड़ गया है. राज्य की दो प्रमुख पार्टियों नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक ने इस मामले पर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है.
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस को कठुआ बलात्कार और हत्या मामले में बलात्कारियों का समर्थन करने वाले पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह को भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लेने की इजाज़त नहीं देनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को इस पर गौर करना होगा कि कुछ लोग अपने अतीत को सफेद करने के लिए यात्रा का इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकते हैं. हम उन नेताओं के करिदार को नहीं भूले हैं जिन्होंने बलात्कारी को बचाने की कोशिश की. जिस तरह से उन्होंने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, वह किसी से छिपी नहीं है.
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बता दें कि यह मामला तब शुरू हुआ जब पार्टी प्रवक्ता दीपिका सिंह राजावत ने इस वजह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया. राजावत ने पार्टी से अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि लाल सिंह ने कठुआ के रसाना में आठ साल की बच्ची के बलात्कारियों का बचाव किया और साल 2018 में बलात्कारियों की हिफाज़त के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर को विभाजित कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि लाल सिंह के भारत जोड़ा यात्रा और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव को देखते हुए मेरे पास कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. लाल सिंह 2018 में कठुआ रेप मामले में बलात्कारियों का खुलकर बचाव करने के लिए जिम्मेदार थे. दीपिका ने यह ट्वीट मंगलवार को किए थे.
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हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भारत जोड़ो यात्रा के समन्वयक, गुलाम अहमद मीर ने उमर की आलोचना की और कांग्रेस पर उंगली उठाने से पहले उन्होंने उनके पिता फारूक अब्दुल्ला से सवाल करने को कहा. उन्होंने कहा,"मैं उमर साहब को याद दिलाना चाहता हूं कि गैर-स्थानीय वोटर्स को शामिल करने के प्रस्ताव पर सर्वदलीय बैठक के लिए 2022 में जम्मू में समान विचारधारा वाले लोगों को किसने दावत दी थी. क्या लाल सिंग को आमंत्रित नहीं किया गया था?" उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने यात्रा में शामिल होने के लिए देश के किसी भी हिस्से से किसी को भी आमंत्रित नहीं किया है. जो भी शामिल हुआ, वो अपनी मर्ज़ी से शामिल हुआ.
इसके अलावा इस मामले पर जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने कश्मीर ऑब्जर्वर को बताया कि उन्होंने लाल सिंह के यात्रा में शामिल होने को लेकर आखिरी फैसला नहीं किया है. हमने अभी तक इस पर कोई फोन नहीं किया है. लाल सिंह यात्रा में शामिल होना चाहते थे लेकिन हमने अभी तक उनकी भागीदारी पर चर्चा नहीं की है.
2018 में, कठुआ के रसाना गांव में एक आठ वर्षीय खानाबदोश मुस्लिम लड़की का अपहरण कर लिया गया था और फिर चार दिनों तक उसका बलात्कार किया गया. जिसके बाद उस मासूम को मार डाला गया था. इस मामले में लाल सिंह समेत कई बड़े नेताओं पर आरोपियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप है.
इस मामले में पीडीपी प्रवक्ता नजमु साकिब ने कहा,"कठुआ में जो कुछ भी हुआ वह शर्मनाक है और हर कोई जानता है कि किसने क्या किया. मुझे लगता है कि यह कांग्रेस की आंतरिक राजनीति है और उन्हें देखना चाहिए कि उन्हें क्या सूट करता है. वे आखिरकार तय करेंगे कि कौन शामिल होता है और कौन नहीं. जनता यह भी जानती है कि कठुआ बलात्कारियों का बचाव किसने किया."
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