Supreme Court On Lalit Modi: सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को बड़ी राहत दी है. ललिल मोदी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही सोमवार को बंद कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए न्यायपालिका के खिलाफ किए गए तब्सिरे को लेकर बिना शर्त माफी मांगने पर ललित मोदी के खिलाफ ही कार्यवाही को बंद कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ज्यूडिशियल के खिलाफ अपनी टिप्पणी के लिए अवमानना मामले में ललित मोदी की बिना शर्त माफी को स्वीकार कर लिया.


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अदालत माफ करने में यकीन रखती है:जस्टिस
ललित मोदी की माफी को स्वीकार करते हुए जस्टिस एम.आर. शाह और जस्टिस सी.टी. रविकुमार ने कहा कि यह अदालत माफ करने में यकीन रखती है. आईपीएल के पूर्व आयुक्त की पैरवी कर रहे सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बेंच के सामने कहा कि ललित मोदी पहले ही आपत्तिजनक पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा चुके हैं और अखबारों में माफीनामा भी छपवा चुके हैं. बेंच ने कहा कि आने वाले समय में अगर उनके द्वारा कोई ऐसा बयान दिया जाता है, जो भारतीय न्यायपालिका की तौहीन करता है, तो इस मामले पर बहुत संजीदगी से गौर किया जाएगा. बता दे कि 13 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने ललित मोदी को सोशल मीडिया पोस्ट में ज्यूडिशयली के खिलाफ उनके टिप्पणी पर बगैर शर्त माफी मांगने की हिदायत दी थी.



"न्यायापालिका की छवि को ठेस पहुंचाने वाला टिप्पणी न करें"
बेंच सीयू सिंह द्वारा दायर एक अवमानना अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह कहा गया कि पूर्व आईपीएल कमिश्नर कानून और संस्था से ऊपर नहीं हैं. अपने 13 अप्रैल के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अवमाननाकर्ता की ओर से मौजूद सीनियर वकील डॉ. ए.एम. सिंघवी ने कहा है कि ललित मोदी अपने तब्सिरे के संबंध में बगैर शर्त माफी मांगेंगे. यह सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यह अहम न्यूज पेपर के मुंबई, दिल्ली चेन्नई, कलकत्ता और बेंगलुरु आदि एडिशन में प्रकाशित किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा है कि इस अदालत के सामने बगैर शर्त माफी मांगने के साथ-साथ खास तौर पर यह कहते हुए एक और हलफनामा दायर किया जाएगा कि फ्यूचर में ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया जाएगा, जिससे भारतीय न्यायपालिका की इमेज दागदार होने का अंदेशा हो.


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