Lalu Bail: दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को ‘नौकरी के बदले जमीन’ से जुड़े धनशोधन मामले में सोमवार को जमानत दे दी. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए कहा कि जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था.


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6 अगस्त को जारी हुई रिपोर्ट
अदालत की तरफ से पहले जारी किए गए समन के अनुपालन के तहत आरोपी उसके सामने पेश हुए. जज ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल पूरक आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद समन जारी किए थे. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छह अगस्त को अदालत के सामने आखिरी रिपोर्ट दायर की थी. ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की तरफ से दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर अपना मामला दायर किया.


17 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 17 अगस्त को पूर्व रेल मंत्री और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य को PML के तहत जमीन के बदले नौकरी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया.


लालू को दी गई जमीन
जांच एजेंसी के मुताबिक, यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम-मध्य जोन में ग्रुप-डी में हुई भर्तियों से जुड़ा है. इल्जाम है कि रेलवे में भर्ती होने वाले लोगों ने नौकरी के बदले लालू के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को उपहार के तौर पर जमीन दी थी.


तेजस्वी का बयान
इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी. इस मामले में तेजस्वी यादव ने कहा कि "वे राजनीतिक षड्यंत्र में लिप्त रहते हैं. वे एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल करते हैं. इस मामले में कुछ भी ठोस नहीं है. हमारी जीत तय है."