Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 2.44 करोड़ रुपये के सरकारी रकम गबन करने के मामले में दिल्ली पुलिस के 10 अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. साल 2019 में धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश के जुर्म के लिए इकॉनमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने 2 सब-इंस्पेक्टर समेत 3 हेड कांस्टेबल और 5 कांस्टेबल के खिलाफ FIR ( Firts Information Report ) दर्ज थी.


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मुल्जिमों की पहचान SI मीना कुमारी, SI हरेंद्र, हेड कांस्टेबल विजेंदर सिंह, विजू पीके, आनंद कुमार और कांस्टेबल कृष्ण कुमार, अनिल कुमार, रविंदर, संजय दहिया और रोहित के रूप में हुई है. सभी मुल्जिमों के उपर  वेतन, एरियर समेत ट्यूशन फीस के फंड को अपने निजी इस्तेमाल में गबन करने का इल्जाम लगा है.  एलजी ने दिल्ली पुलिस के एक और मुल्जिम विजय पाल के मामले को भी जल्द पेश करने का हुक्म दिया है.


इन पुलिस अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगते हुए गृह विभाग ने कहा कृष्ण, विजेंद्र सिंह, अनिल कुमार और मीना कुमारी ने सरकारी रकम के गबन की बात एक्सेप्ट की है और गवाहों के बयान, जब्ती मेमो के साथ-साथ खातों को भी एक्सेप्ट किया है. जबकि दूसरे छह मुल्जिमों के बयान में यह स्पष्ट होता हिक वे सभी रकम अपने पर्सनल कामों में उपयोग किया है. 


चार के खिलाफ चार्ज शीट फाइल 
EOW ने इस मामले में चार मुल्जिमों कृष्ण, विजेंदर सिंह, अनिल कुमार और मीना कुमारी के खिलाफ चार्ज शीट फाइल किया है. बाकी छह मुल्जिमों के चार्ज शीट फाइल करने के लिए कोर्ट से मंजूरी मांगी गई है.


रकम की नहीं हो सकी है वसूली
दिल्ली पुलिस के संविधान के तहत कृष्ण कुमार, विजेंदर सिंह, अनिल कुमार और मीना कुमारी को पहले ही सर्विस से बर्खास्त कर चुकी है. जांच अफसर ने बताया कि मुल्जिमों के खाते सीज होने की वजह से गबन की गई रकम की वसूली नहीं हो सकी है.