मोबाइल नेटवर्क की तलाश में पेड़ पर चढ़े थे चार बच्चे, तभी आसमान से गिर गई बिजली
पालघर जिले के धनुआ तालुका के मनकारपाड़ा गांव में चार बच्चे मवेशी चराने गए थे. उनके मोबाइल में नेटवर्क की दिक्कत आ रही थी, इसलिए बच्चे नेटवर्क मिलने की संभावना में पेड़ पर चढ़ गए थे.
पालघरः महाराष्ट्र के पालघर जिले में मोबाइल फोन नेटवर्क की तलाश में पेड़ पर चढ़े बच्चों पर बिजली गिरने का मामला समाने आया है. इस हादसे में जहां एक बच्चे की मौत हो गई, वहीं तीन बच्चे बुरी तरह झुलस कर जख्मी हो गए. जख्मी बच्चों को इलाज के लिए एक मकामी अस्पताल में दाखिल कराया गया है.
जिस पेड़ पर बैठे थे उसी पर गिरी बिजली
रिवन्यू अफसर राहुल सारंग ने बताया कि यह हादसा सोमवार के शाम की है. पालघर जिले के धनुआ तालुका के मनकारपाड़ा गांव में चार बच्चे मवेशी चराने गए थे. वहीं इलाके में सुबह से जोरो की बारिश हुई थी और बिजली भी चमक रही थी. उन चार बच्चों में एक के पास मोबाइल फोन था. उनके मोबाइल में नेटवर्क की दिक्कत आ रही थी, इसलिए बच्चे नेटवर्क मिलने की संभावना में पेड़ पर चढ़ गए. इसी बीच पेड़ पर बिजली गिर गई और धमाकों की वजह से सभी बच्चे पेड़ से नीचे गिर गए.
एक की मौत, तीन जख्मी
उन चार बच्चों में एक की मौके पर ही मौत हो गई. मरने वाले बच्चे की पहचान रविंद्र कोडा-15 के तौर पर की गई है. रविंद्र कोड के अलावा तीन और बच्चे इस हादसे में जख्मी हो गए. उन तीनों की उम्र 14 से 16 साल के बीच है. सभी को कासा ग्रामीण अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है. मृत बच्चे को पुलिस ने पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है.
बिजली कड़कने पर बंद कर दें इलेक्ट्रिक उपकरण
गौरतलब है कि बरसात के दिनों में आसमानी बिजली अकसर जानलेवा साबित होती है. बादल गरजने के दौरान खेतों में काम करने वाले किसान, मजदूर, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले राहगीर और मोबाइल इस्तेमाल करने वाले शख्स पर बिजली गिरने का खतरा और बढ़ जाता है. साइंटिस्टों की मानें तो मोबाइल से अल्ट्रावायलेट किरणें निकलती हैं, जो आसमानी बिजली को अपनी ओर खींचती हैं। इस दौरान मोबाइल को स्विच ऑफ कर देना चाहिए. मौसम विभाग के साइंटिस्ट शिवेन्दर सिंह कहते हैं कि सभी तरह के इलेक्ट्रिक उपकरण टीवी, रेफ्रिजरेटर, कंप्यूटर-लैपटॉप की तरफ भी आसमानी बिजली तेजी से पहुंचती है. इसलिए ऐसा मौसम जब भी हो तो ऐसे उपकरण बंद कर देने चाहिए.
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