Loan Fraud Case: मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर,उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को थोड़ी राहत दी है. दरअसल, कोर्ट ने लोन फ्रॉड केस में कथित ख़िलाफ़वर्ज़ी के मामले में सीबीआई की हिरासत में तीनों लोगों को विशेष बिस्तर और गद्दे का इस्तेमाल करने की इजाज़त दे दी है. 26 दिसंबर को ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के जस्टिस एएस सैय्यद ने तीनों को 28 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है. इस दौरान उन्हें घर का बना हुआ खाना और दवाएं लेने की भी परमिशन दी गई है.


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अपने ख़र्चे पर करें ज़रूरी चीज़ों का इस्तेमाल: कोर्ट
कोचर कपल और धूत ने अपनी मेडिकल कंडीशन का हवाला देते हुए एक कुर्सी, स्पेशल बिस्तर, गद्दे और कई ज़रूरी सामान का इस्तेमाल करने की इजाज़त मांगी थी. इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि यह लोग अपने ख़र्चे पर इन चीज़ो को इस्तेमाल कर सकते हैं. अदालत ने उन्हें पूछताछ पूरी होने तक रोज़ाना एक घंटे के लिए अपने वकीलों से मदद लेने की परमिशन दी है. अदालत ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर सीबीआई हिरासत के दौरान वेणुगोपाल धूत को इंसुलिन लेने में मदद करने के लिए एक मददगार को इजाज़त देगी.


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26 दिसंबर को वेणुगोपाल धूत की हुई गिरफ़्तारी 
बता दें कि बैंक लोन धोखाधड़ी केस में सीबीआई ने बड़ा क़दम उठाते हुए 26 दिसंबर को वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई के मुताबिक़ यह कार्रवाई बैंक फ्रॉड मामले में की गई. ग़ौर तलब है कि इसी मामले में इससे पहले ICICI की एक्स सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच एजेंसी ने यह एक्शन वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक से नियमों के ख़िलाफ जाकर लोन लेने के मामले में लिया है.  


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