मंगलवार को लोकसभा ने  दिल्ली में अनॉथराइज़्ड विकास के लिए दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा को 31 दिसंबर की समय सीमा से तीन साल के लिए बढ़ाने के लिए एक बिल पास किया. आपको बता दें चर्चा के दौरान भाजपा सांसदों ने दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की  AAP सरकार और केंद्र में पिछली यूपीए सरकार पर पर्याप्त काम नहीं करने का आरोप लगाया.


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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) अधिनियम, 2023 नाम का ये बिल बेहद ही संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनि मत से लोकसभा मैं पास किया गया जिसमें तीन सदस्यों ने भाग लिया. इस बिल को पास करवाने के पेचे का उद्देश्य दिल्ली में कुछ प्रकार के अनॉथराइज़्ड विकासों को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करना है, जहां अभी तक पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं.


जानिए किस सिचुएशन में एक निर्माण को अवैध माना जाता है?
किसी भी संपत्ति पर कोई भी निर्माण शुरू करने से पहले उसे सरकार से मंजूरी या अनुमति लेना बेहद ज़रूरी होता है. इसमें जिस जमीन पर आप निर्माण करने जा रहे हैं ,उस जमीन का अप्रूवल,  ज़ोनिंग अप्रूवल, बिल्डिंग का अप्रूवल आदि शामिल हैं. अगर कोई जमीन सभी सरकारी नियमों और मानकों का पालन नहीं करता है तो उसे कानूनी रूप से अनुमति नहीं दी जाती है.  इसके अतिरिक्त, बिना अनुमति के बनाई गई इमारत को अनॉथराइज़्ड निर्माण कहा जाता है. 
इन सिचुएशन में आपके द्वारा किया गया कोई भी निर्माण अनॉथराइज़्ड माना जा सकता है 
1- अगर बिल्डिंग या कुछ भी बनाते समय आप सभी लागू कानूनों का उल्लंघन करेंगे तो आपकी इमारत का निर्माण करना गैरकानूनी हो सकता है.आवश्यक दिशानिर्देशों के अनुसार सरकारी मंजूरी न लेना कानूनों के उल्लंघन में शामिल है.
2- बिल्डर के द्वारा दिए गये  दिशानिर्देशों का पालन न करना.
3- संरचना का निर्माण करने वाला व्यक्ति द्वरा उसके प्रकार की इमारत के लिए निर्धारित सरकारी नियमों की अवहेलना करना आपके कंस्ट्रक्शन को अनॉथराइज़्ड बना सकता है .