लोकसभा से पास हुआ जम्मू व कश्मीर पुनर्गठन 2023 बिल
लोकसभा से जम्मू व कश्मीर पुनर्गठन 2023 विधेयक पास हो गया है. इस बिल के बारे में बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये बिल लोगों को न्याय दिलाने के लिए है.
लोकसभा में जम्मू व कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास हो गया. इस बहस के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि "बिल के उद्देश्यों पर सभी की सहमति है. ये बिल लोगों को न्याय दिलाने के लिए है. मैं जो विधेयक लेकर आया हूं, वह बिल 70 सालों से जिन पर अन्याय हुआ, अपमानित हुए और जिनकी अनदेखी की गई, उनको न्याय दिलाने का बिल है."
केंद्रीय गृह मंत्री ने बिल पर बोलते हुए कहा कि "ये बिल 70 सालों में जिनके साथ अन्नाय हुआ उनको आगे बढ़ाने का बिल है. जो लोग अपने ही देश में विस्तापित हुए ये बिल उनको सम्मान और नेतृत्व देने का है." उन्होंने कहा कि "मुझे खुशी है कि किसी ने इस बिल का विरोध नहीं किया. छह घंटे की चर्चा चली. जिन पर आतंकवाद को रोकने की जिम्मेदारी थी. वो इंग्लैंड में छुट्टियां मना रहे थे."
अमित शाह ने कहा कि "जो लोग ये पूछ रहे थे कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से क्या होगा. तो मैं कहना चाहता हूं कि कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से कश्मीर की विधानसभा में उनकी आवाज गूंजेगी और अगर फिर विस्थापन की स्थिति आएगी तो वो उसे रोकेंगे. जो ये कहते हैं कि धारा 370 हटने से क्या हुआ?"
शाह ने आगे कहा कि "इस पर मैं कहना चाहता हूं कि 5-6 अगस्त 2019 को इनकी सालों से न सुनी जाने वाली आवाज को मोदी जी ने सुना और आज उनको उनका अधिकार मिल रहा है. जब कश्मीरी विस्थापित हुए, तो अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बनना पड़ा."
शाह का कहना है कि "इस बिल के जरिए आतंकवाद की भयावह त्रासदी झेले लोगों को मजबूती मिलेगी. अपने ही देश में विस्थापित होकर अपने वतन से उखड़ कर रहे उनको अधिकार और मजबूती के लिए ये बिल है. आतंकवाद की वजह से 46631 परिवार और 157967 लोग अपने राज्य अपने शहर छोड़कर विस्थापित होकर दूसरे राज्यों में रह रहे हैं.