Madarsa Habibia: प्रयागराज के मदरसा हबीबिया का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जामिया हबीबियाव को सालाना दो करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग हो रही थी. यह फंडिंग मुंबई, हैदराबाद, केरल समेत कई राज्यों से होती थी. इसके साथ ही खाड़ी के देशों से भी पैसा आता था.


मदरसा हबीबिया में फर्जी नोट


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बता दें, पिछले महीने यूपी पुलिसने मदरसा हबीबिया में छापेमारी की थी. जहां से फर्जी नोट बनाने का भंडाफोड़ हुआ था. मदरसे के एक कमरे में फर्जी नोट की छपाई की जा रही थी. जहां से कंप्यूटर, प्रिंटर और दूसरी चीजें बरामद की गई थीं. यह मामला पेश आने के बाद यूपी पुलिस ने अपनी जांच को अलग-अलग एंगल्स से भी शुरू कर दिया था. जिसमें अब फंडिंग की बात निकलकर सामने आई है.


नकद लिया जाता था पैसा


जांच टीम को शुरुआती पड़ताल में विदेशी फंडिंग के पुख्ता सबूत मिले हैं. फंडिंग के पैसों को नकद के तौर पर मदरसे में लिया जाता था. अब पुलिस उन लोगों की जांच में जुटी है, जो लोग मदरसे को फंडिंग किया करते थे. माना जा रहा है कि देस विरोधी गतिविधियों के लिए भी मदरसे को फंडिंग की जाती रही है.


प्रिंसिपिल की कस्टडी के लिए अर्जी


पुलिस ने प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरुल की कस्टडी के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. उनके साथ तीन और लोगों की भी कस्टडी की मांग की गई है. इस मसले में जल्द ही कोर्ट सुनवाई करेगा. पुलिस आरोपियों से कई पहलुओं पर पूछताछ करेगी. जिसमें नकली नोट छापने के पीछे का मकसद भी शामिल है. इसके साथ ही एक धर्म विशेष के खिलाफ मदरसे से मिले साहित्य के बारे में भी पुलिस पूछताछ करेगी.