मंत्री ने कहा, गरबा पंडालों में न जाएं मुसलमान; मुफ्ती बोले, एकदम सही कह रहे हैं मंत्री जी!
Muslims should not go to garba pandals: सोमवार से शुरू हुए नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में गरबा नृत्य कार्यक्रम की भी शुरूआत हो गई है. ऐसे में मध्य प्रदेश के एक मंत्री ने कहा है कि गरबा डांस स्थलों पर मुस्लिमों के प्रवेश को रोका जाए, वहीं एक मुफ्ती ने मंत्री के बयान का स्वागत किया है.
भोपालः नवरात्र में देश के कई राज्यों में गरबा नृत्य का आयोजन किया जाता है, जहां महिलाएं और लड़कियां समूह में गरबा डांस करती हैं. सोमवार से शुरू हुए नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के साथ ही पारंपरिक गरबा नृत्य कार्यक्रम की भी शुरूआत हो गई है. कई बार इस डांस में महिलाओं और लड़कियों के साथ लड़के और पुरुष भी डांस करते हैं. वहीं, बहुत सारे लोग जो, खुद डांस तो नहीं करते हैं, लेकिन डांस देखते जरूर हैं. वहीं कुछ मस्लिम युवक भी ऐसे डांस आयोजन स्थलों में डांस देखने जाते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि मध्य प्रदेश में गरबा आयोजकों को नृत्य पंडालों में प्रवेश की इजाजत देने से पहले लोगों के पहचान पत्रों की जांच करनी चाहिए. मंत्री ने ऐसा बयान मुस्लिम युवकों को रोकने की नियत से दिया है. मंत्री के इस बयान की जहां कई लोगों ने निंदा की है, वहीं कुछ मौलानाओं ने मंत्री के इस बयान का स्वागत किया है.
पहचान पत्रों की जांच होनी चाहिए
मिश्रा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्रि हमारी आस्था का केंद्र है. इस तरह के पवित्र मौके पर शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए आयोजकों को निर्देश दिया गया है कि वे पहचान पत्र की जांच के बाद ही लोगों को गरबा कार्यक्रमों में अंदर जाने दें.’’ उन्होंने कहा कि ऐसे मौके पर कोई अप्रिय घटना न हो इसलिए लोगों के पहचान पत्रों की जांच होनी चाहिए.
गरबा डांस में ‘लव जिहाद’ का खतरा
वहीं, इस महीने की शुरुआत में मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने भी सुझाव दिया था कि ‘लव जिहाद ’ को रोकने के लिए नवरात्रि उत्सव के दौरान प्रदेश में गरबा नृत्य स्थलों पर दाखिले की इजाजत पहचान पत्रों की जांच के बाद ही दी जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि गरबा डांस ‘लव जिहाद’ का जरिया बन गया था. हिंदू दक्षिणपंथी नेताओं ने अतीत में भी इस तरह का दावा कर चुके हैं कि देश में लव जिहाद की साजिश चल रही है, जिसमें हिंदू लड़कियों को अल्पसंख्यक समुदाय के पुरुषों द्वारा बहकाकर उन्हें शादी के लिए मजबूर किया जाता है.
ऐसी जगहों पर जाने से मुसलमानों को खुद परहेज करना चाहिए: मुफ्ती
इस मामले में इस्लामी मामलों के जानकार और मुफ्ती अबरार अहमद कहते हैं, मंत्री का बयान कहीं से गलत नहीं है. मुसलमनों को ऐसी जगहों पर जाने से खुद परहेज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस्लाम में संगीत और नृत्य दोनों से मना किया गया है. इसके अलावा किसी गैर औरत या लड़की को जहां देखने तक कि इजाजत नहीं है और अचानक गैर-इरादतन निगाह मिल जाने पर अपनी निगाह नीचे करने का हुक्म है, उस कौम के आदमी को भला गरबा, डांस और संगीत से क्या काम हो सकता है? लोगों को खुद को अपने बच्चों को गरबा डांस में जाने से रोकना चाहिए. ये दूसरे धर्म की आस्था और उनकी निजता का भी सवाल है. अगर कोई अपने आयोजन में मुस्लिमों के आने नहीं देना चाहता है, तो लोगों को इसका सम्मान करना चाहिए.
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