गुवाहाटीः असम के बोंगाइगांव जिले में बुधवार को एक मदरसे को ढहा दिया गया, जिसके परिसर में कथित तौर पर जिहादी गतिविधियां चलाने का इल्जाम था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप और अंसार-उल-बांग्ला से संबंध होने के संदेह में पिछले सप्ताह मदरसे के एक शिक्षक को गिरफ्तार किया गया था. अधिकारी ने कहा कि जिले के जोगीघोपा इलाके के दो मंजिला कबायतारी मो आरिफ मदरसे को तोड़ने के लिए बुलडोजर तैनात किए गए थे. मदरसे के परिसर में बने अन्य ढांचों को भी गिरा दिया गया है.

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अब तक तोड़े गए दो मदरसे 
यह इस सप्ताह इस तरह की दूसरी कार्रवाई है. इससे पहले सोमवार को बारपेटा जिले में एक मदरसे को ढहा दिया गया था, जिसमें कथित रूप से अंसार-उल-बांग्ला नाम के संगठन के दो संदिग्ध बांग्लादेशी चार सालों से रह रहे थे. बारपेटा पुलिस ने इस मामले में मदरसे के प्रिंसिपल, एक शिक्षक और एक दूसरे शख्स को गिरफ्तार किया था. बोंगाईगांव के पुलिस अधिकारी ने कहा कि मंगलवार रात गोलपाड़ा पुलिस को एक अभियान के दौरान मदरसे की कैंटीन से ’जिहादी’ तत्वों से संबंधित दस्तावेज मिले थे, जिसके बाद इसे ढहाया जा रहा है.

मदरसे में 224 छात्र पढ़ते थे  
पुलिस अफसर ने कहा, “जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने मदरसे को भवन मानदंडों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया था कि यह रिहाइश के लिए उपयुक्त नहीं है.” अधिकारी ने कहा, “मदरसे में 224 छात्र थे, और अफसरों ने उन्हें 30 अगस्त की रात तक परिसर खाली करने के लिए कहा था. जिला प्रशासन ने घर जाने में उनकी मदद की. ज्यादातर बच्चों के अभिभावक आए और उन्हें ले गए.’’

बदरुद्दीन अजमल ने सरकार की आलोचना की 
वहीं, इस मामले में आईयूडीएफ के सुप्रीमो बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि मदरसों पर बुलडोजर चलाना ठीक नहीं है. मदरसे में धार्मिक शिक्षा दी जाती है. अगर कोई दोषी है उसको सजा दिया जाए ना कि पूरा मदरसे को तोड़ा जाए. मदरसे में गरीबों के बच्चे पढ़ते है. अजमल ने कहा कि ये भाजपा सरकार की रणनीति का हिस्सा है. वह मुसलमानों को डरा कर धमका कर ही वोट लेने और वोटों के धु्रवीकरण के लिए ये हथकंडे अपना रही है. 


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