उद्धव ठाकरे के विधायकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम निर्देश, जानिए कोर्ट ने क्या कहा
Maharashtra disqualification case: महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई टाल दी है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के नए अध्यक्ष को, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े के विधायकों को अयोग्य ठहराने की गुज़ारिश पर फिलहाल कोई फैसला ना लेने का सोमवार को हिदायत जारी की. प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की ओर से दाखिल किए उस प्रतिवेदन पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि उद्धव ठाकरे धड़े की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई होनी है.
उद्धव ठाकरे की तरफ बात रखते हुए सिब्बल ने कहा, 'अदालत ने कहा था कि याचिकाओं को 11 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. मैं गुजारिश करता हूं कि मामले पर सुनवाई पूरी होने तक अयोग्यता संबंधी कोई फैसला ना किया जाए.' उन्होंने यह भी कहा कि बागी विधायकों के संपर्क करने पर शीर्ष अदालत ने उन्हें राहत दी थी.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि चूंकि इस मामले में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई के लिए संवैधानिक पीठ की जरूरत है, इसलिए इस मामले को लिस्ट करने में अभी वक्त लगेगा. पिछले कुछ दिनों से चल रही उठापटक के बीच विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा कोर्ट पहुंच गया था.
इसके अलावा, उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने तीन और चार जुलाई को हुई महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही की वैधता को भी चुनौती दी है, जिसमें विधानसभा के नए अध्यक्ष का चयन किया गया था और इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित किया था. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत देते हुए 27 जून को कहा था कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए. उसने राज्य सरकार और अन्य से याचिकाओं पर अपना रुख साफ करने को भी कहा था.
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