Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने उद्धव ठाकरे की क़यादत (नेतृत्व) वाली शिवसेना, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के महा विकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन के 25 लीडरान की सिक्योरिटी हटा दी है. एक अफसर ने जुमे को यह जानकारी दी. इसका मतलब है कि इन लीडरान को अपने घरों या एस्कॉर्ट के बाहर लोकल पुलिस सिक्योरिटी नहीं दी जाएगी.अफसर ने बताया कि सिक्योरिटी हालात का जायज़ा लेने के बाद उनकी सिक्योरिटी हटाई गई है. 


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उन्होंने बताया कि साबिक़ सीएम उद्धव ठाकरे की सिक्योरिटी को बरक़रार रखा गया है. साथ ही उनके परिवार के लोगों, शरद पवार और उनकी बेटी व लोकसभा रूक्न सुप्रिया सुले समेत उनके घरवालों की सिक्योरिटी बरक़रार रखी गई है, वहीं जयंत पाटिल, छगन भुजबल और जेल में बंद अनिल देशमुख जैसे लीडरान की सिक्योरिटी को वापस ले लिया गया है.


अफसर ने कहा," एनसीपी एमएलए जितेंद्र आव्हाड की सिक्योरिटी बरक़रार रखी गई है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) के सेक्रेटरी मिलिंद नार्वेकर (उद्धव ठाकरे के एक क़रीबी साथी) को ‘वाई-प्लस-सिक्योरिटी’ दी गई है. असेंबली में अपोज़िशन लीडर अजित पवार और फॉर्मर होम मिनिस्टर दिलीप वलसे पाटिल को ‘वाई-प्लस-एस्कार्ट’ दिया गया है."


उन्होंने कहा कि नवाब मलिक, अनिल देशमुख, विजय वडेट्टीवार, बालासाहेब थोराट, नाना पटोले, भास्कर जाधव, सतेज पाटिल, धनजय मुंडे, सुनील केदारे, नरहरि जिरवाल और वरुण सरदेसाई जैसे लीडरान को दी गई सिक्योरिटी हटा दी गई है. अफसरों ने बताया कि कांग्रेस लीडर अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण, दोनों एक्स सीएम को ‘वाई’ कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई है.