Border Dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के CM आमने सामने हैं. कोई भी अपनी ज़मीन एक इंच भी दूसरे राज्य को देना नहीं चाहता. ऐसे में टकराव को ख़त्म करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह दोनों ही राज्यों मुख्यमंत्रियों से 14 दिसंबर को मुलाकात करेंगे. शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अमोल कोल्हे ने जानकारी देते हुए बताया. कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस बाबत केंद्रीय गृहमंत्री आमित शाह से मुलाकात की थी.  महाराष्ट्र के शिरुर से लोकसभा के सदस्य कोल्हे ने कहा कि बैठक के दौरान एमवीए प्रतिनिधिमंडल ने शाह को बताया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद अब उस स्तर पर पहुंच गया है, कि उससे हिंसा भड़क सकती है.ऐसे में  गृहमंत्री अमित शाह ने 14 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की बैठक बुलाई है


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क्या है कर्नाटक - महाराष्ट्र सीमा विवाद?
दरअसल  2004 में, महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के चार ज़िलों में बेलगावी शहर और 865 गांवों पर अपने अधिकारों का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसको लेकर कर्नाटक सीएम बोम्मई का कहना है कि  भले ही  कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद मौजूद है. लेकिन लोगों के बीच सद्भाव है. साथ ही सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य के साथ सीमा विवाद कर्नाटक के लिए एक बंद अध्याय है. इससे पहले कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों को चेतावनी दी थी कि, अगर महाराष्ट्र के मंत्री मौजूदा परिस्थितियों में कर्नाटक में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं, तो उनकी सरकार उचित कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी. 


कन्नड़ संगठनों की चेतावनी
उधर कन्नड़ संगठनों ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को चेतावनी दे रखी है कि अगर वह महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों के रोकने में विफल रहती है, तो वे मंत्रियों को रोकेंगे और परिणामों के लिए सरकार  जिम्मेदार होगी. जबकि कर्नाटक कांग्रेस ने कहा था कि, आगामी विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा ड्रामा किया जा रहा है.


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