गुवाहाटीः भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों को लेकर देश के बाकी हिस्सों में काफी भ्रांतियां फैली हुई है. बाकी राज्यों के लोगों के बीच एक आम धारणा है कि नागालैंड के लोग सांप-बिछ्छू और कुत्ता खाते हैं. लेकिन यही बात असम के बारे में बोलकर महाराष्ट्र का एक विधायक बुरी तरह फंस गया है. असम में विधायक के खिलाफ कई स्थानों पर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है और लोगों ने इसके विरोध में राज्य सरकार के खिलाफ ही मोर्चो खोल दिया है. 

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विधायक ने विधानसभा के अंदर दिया था बयान 
दरअसल, महाराष्ट्र के एक निर्दलीय विधायक बच्चू काडू जो इस वक्त एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना सरकार को समर्थन दे रहे हैं, पांच दिन पहले महाराष्ट्र विधानसभा में यह विवादित बयान दिया था. विधायक ने कहा था कि असम के लोग कुत्ते का मांस खाते हैं. इसलिए महाराष्ट्र में जो आवारा कुत्ते समस्या पैदा कर रहे हैं, उन सभी को असम भेज दिया जाए. वहां के लोग उसे खाकर समस्या खत्म कर देंगे. विधायक का यह स्टेटमेंट दो दिन बाद जब सोशल मीडिया के जरिए असम के लोगों तक पहुंचा, तो असम के लोग भड़क उठे. 
गौरतलब है कि पिछले साल जब महाराष्ट्र से शिवसेना के बागी विधायकों को महाराष्ट्र से असम बुलाकर मेहमान नवाजी की गई थी, उस वक्त उस समूह के साथ निर्दलीय विधायक बच्चू काडू भी साथ आए थे.   

असम के लोग कानूनी कार्रवाई की कर रहे हैं मांग 
विधायक के इस बयान के बाद असम के लोगों में काफी रोष व्याप्त हो गया है. असम युवा तृणमूल कांग्रेस के तरफ से हाथी गांव थाने में एक केस दर्ज किया गया है. असम कांग्रेस ने भी विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. साथ ही साथ असम सरकार से एआईयूडीएफ के विधायक अमीनुल इस्लाम ने इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है. इस्लाम ने कहा कि  असम सरकार की भी गलती है इसमें. सरकार महाराष्ट्र के विधायकों को लाकर यहां मेहमान नवाजी करती है और वह लोग यहां से जाने के बाद असम के बारे में गलत बयानी करते हैं. विधायक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, नहीं तो असम के लोग इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे.
उधर, विधायक बच्चू काडू के इस तरह का बयान देने के दो दो तीन बाद ही कोर्ट ने एक पुराने मामले में उन्हें दो साल की सजा सुना दी है. साल 2017 में नासिक में एक सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के केस में बच्चू काडू को ये सजा सुनाई गई है.  


 इनपुट: गुवाहाटी से रिपोर्टर शरीफ उद्दीन अहमद 


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