Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा इलाके में रहने वाले मराठा को लेकर बड़ा फैसला किया है. राज्य सरकार ने मराठा को कुनबी जाति सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया तय करने के लिए नियुक्त हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज संदीप शिंदे की अध्यक्षता वाली कमिटी की पहली रिपोर्ट मंगलवार को स्वीकार कर ली. यह जानकारी  एक ऑफिसियल बयान से मिली है. इसमें कहा गया है कि कुनबी सर्टिफिकेट जारी करने की प्रोसेस शुरू हो गई है.


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कुनबी कम्युनिटी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में रिजर्वेशन के लिए योग्य है. कुनबी कम्युनिटी कृषि से जुड़ा हुआ है, जिसे महाराष्ट्र राज्य में OBC के तहत वर्गीकृत किया गया है. इस समुदाय को एजुकेश और सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन का लाभ मिल रहा है. 


सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया कि OBC कमीशन मराठा समुदाय के तालिमी और सामाजिक पिछड़ेपन का एसेसमेंट करने के लिए नए आंकड़े इकट्ठा करेगा. मराठा समुदाय के लिए रिजर्वेशन की मांग को लेकर वर्कर मनोज जरांगे के अनशन और राज्य के कुछ इलाकों में इस मांग को लेकर हिंसा की घटनाओं के बीच यह फैसला आया है.


बयान में क्या कहा?
मुख्यमंत्री दफ्तर (CMO) के बयान में कहा गया, ‘‘न्यायाधीश (रिटायर्ड) संदीप शिंदे समिति की पहली रिपोर्ट सौंपी गई है. मराठा को कुनबी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है’’. कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम ने कहा कि मराठा कम्युनिटी को रिजर्वेशन देना सरकार की जिम्मेदारी है.


उन्होंने कहा, ‘‘सरकार मराठा समुदाय को ऐसा आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है जो मजबूत और कानूनी अड़चनों को पार कर सकता है. आरक्षण अन्य समुदायों के कोटे में छेड़छाड़ किए बिना दिया जाएगा.’’ कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया कि मराठा रिजर्वेशन की मांग से जुड़ी कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देने के लिए रिटायर्ड जज दिलीप भोसले, शिंदे और मारुति गायकवाड़ की तीन मेंबरों की कमिटी का गठन किया जाएगा.


इन दस्तावेजों का दिया हवाला
सीएम ने कहा कि हाई कोर्ट में पीटिशन दायर होने पर कमिटी राज्य सरकार की रहनुमाई करेगी. पिछले महीने, मराठा कम्युनिटी के मेंबरों को कुनबी सर्टिफिकेट देने के लिए एसओपी ( Standard Operating Procedure ) तय करने को लेकर जज शिंदे की अध्यक्षता में पांच मेंबरों की पैनल का गठन किया गया था. 


इसमें कम्युनिटी के ऐसे लोग हैं जिनके पूर्वजों को निजाम-काल के दस्तावेजों में कुनबी के तौर पर हवाला दिया गया था. पिछले सप्ताह कमिटी को 24 दिसंबर तक एक्सपेंशन कर दिया गया था. इससे पहले, सीएम शिंदे ने जरांगे से फोन पर बात की और यकीन दिलाया कि मराठा कम्युनिटी को कुनबी सर्टिफिकेट देने पर कैबिनेट की बैठक में मजबूत फैसला लिया जाएगा.