Maharashtra News: सर्वोच्च न्यायाल दिल्ली ( Supreme Court ) सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ( Rahul Narwekar ) के फैसले के खिलाफ शिवसेना (UBT) लीडर सुनील प्रभु की पिटीशन पर सुनवाई करेगा.  इस पिटीशन में कहा गया है कि सीएम एकनाथ शिंदे ( CM Eknath Shinde ) की अगुआई वाला गुट ही "असली" शिव सेना है.


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सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित लिस्ट के मुताबिक, CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ ( Dhananjaya Yeshwant Chandrachud ) , जस्टिस जे.बी. पारदीवाला ( ustice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा ( Justice Manoj Mishra ) की बेंच 22 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेगी.


10 जनवरी के फैसले में क्या कहा गया था?
बता दें कि 15 जनवरी को महाराष्ट्र के  पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ( Uddhav Thackeray ) के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर कर पिटीशन के 10 जनवरी के फैसले पर सवाल उठाया था, क्योंकि 10 जनवरी के फैसले में कहा गया था कि सीएम शिंदे के नेतृत्व वाला ग्रुप ही असली "शिवसेना" है और साथ ही इसके पास विधायिका में बहुमत है.


पिटीशन में सीएम शिंदे और उनके खेमे के दूसरे विधायकों के खिलाफ दायर डिसक्वालीफिकेशन पिटीशंस को खारिज करने की भी चुनौती दी गई है. इस बीच, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बुधवार को सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले द्वारा ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली पिटीशन पर 14 शिवसेना-यूबीटी विधायकों और दूसरे को नोटिस जारी किया.


वहीं, जस्टिस जी.एस. कुलकर्णी ( Justice GS Kulkarni ) और जस्टिस एफ.पी. पूनीवाला ( Justice FP Pooniwala )  की बेंच ने मामले को 8 फरवरी को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया. 10 जनवरी के फैसले में स्पीकर नार्वेकर ने दोनों पक्षों की याचिकाएं खारिज कर ठाकरे के विधायकों को डिसक्वालीफिकेशन होने से बचा लिया.