Maharashtra Politics News: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुखपत्र सामना ने अपने नए संपादकीय में भाजपा और महाराष्ट्र सरकार पर भ्रष्टाचार और लूट में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अब भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या को पद देना चाहिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के लिए बता दें कि शिवसेना (UBT) द्वारा प्रकाशित मराठी समाचार पत्र में महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया बड़े बदलाव का जिक्र कर रहा था. क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार उप मुख्यमंत्री के रूप में राज्य सरकार में शामिल हुए थे. आठ अन्य राकांपा नेताओं को भी मंत्री के रूप में शामिल किया गया है. 


बता दें कि अजित पवार समेत एनसीपी के नौ में से चार नेता मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिनकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है.


इसी को लेकर व्यंग्यात्मक कटाक्ष करते हुए सामना के संपादकीय में संकेत दिया गया कि यदि महाराष्ट्र सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों वाले नेताओं को नियुक्त कर रही है, तो उसे मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़े व्यापारियों को भी नियुक्त करना चाहिए.


भाजपा तंज कसते सामना के संपादकीय में लिखा कि "अब केवल मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या को पार्टी में शामिल करना और पद देना बाकी है. इन तीनों में से एक को पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, दूसरे को नीति आयोग और तीसरे को पार्टी का गवर्नर नियुक्त किया जाना चाहिए." क्योंकि भ्रष्टाचार, लूट, नैतिकता अब उनके लिए कोई मुद्दा नहीं है.'' 


आपको बता दें कि संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि अजित पवार और देवेन्द्र फड़नवीस द्वारा उपमुख्यमंत्री पद साझा करने के बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ चर्चा नहीं की गई है. साथ ही यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री की स्थिति दयनीय है.


शिवसेना के जैसे दो गुटों में बंटी एनसीपी
जानकारी के लिए बता दें कि शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी के विरोधी गुट बुधवार को मुंबई में अलग-अलग बैठकें करेंगे. दोनों ने अपने-अपने गुटों के लिए दो-दो मुख्य सचेतक नियुक्त किया है.


शरद पवार गुट ने दोपहर 1 बजे दक्षिण मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में एक बैठक बुलाई है. जबकि अजीत पवार खेमा सुबह 11 बजे बांद्रा में मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट (MET) परिसर में बैठक करेगी.


इस बारे में कि कौन सा गुट 'असली' एनसीपी का प्रतिनिधित्व करता है. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि उन्हें अभी तक यह पता नहीं चला है कि एनसीपी शिवसेना-भाजपा सरकार का हिस्सा है या अभी भी विपक्ष में है. नार्वेकर ने यह भी कहा कि यह देखना बाकी है कि एनसीपी का असली नेता कौन है.


जानकारी के लिए बता दें कि अजित पवार के आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी खेमे में भी बगावत हुई है. जिससे अजित पवार के चाचा शरद पवार को बहुत बड़ा झटका लगा. आपको बता दें कि शरद पवार ने 24 साल पहले संगठन की स्थापना की थी. विशेष रूप से 2 जुलाई को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले अजीत पवार विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. 


Zee Salaam