Maharashtra Politics News: शिवसेना (UTB) सांसद संजय राउत ने गुरुवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के 17 से 18 विधायक  नेता एनसीपी अजीत पवार के राज्य सरकार में शामिल होने के बाद से उनकी पार्टी के संपर्क में हैं.


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उद्योग मंत्री उदय सामंत ने यह दावा करते हुए संजय राउत का विरोध किया और कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के 13 में से छह विधायक उनके संपर्क में थे.


संजय राउत ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए दावा किया कि "जब से अजित पवार और अन्य एनसीपी नेता सरकार में शामिल हुए हैं. शिंदे खेमे के 17 से 18 विधायकों ने मेरे संपर्क किया है."


आपको बता दें कि संजय राउत के सहयोगी और पार्टी के लोकसभा सांसद विनायक राउत ने कहा कि "बागी राकांपा विधायकों को मंत्री बनाए जाने के बाद शिंदे गुट के विधायकों ने विद्रोह शुरू कर दिया है." आगे उन्होंने कहा कि कई विधायकों ने यह भी कहा है कि अगर मातोश्री उनसे संपर्क करेंगे तो वे सकारात्मक जवाब देंगे".


विनायक राउत ने बिना किसी नाम का खुलासा किए दावा किया है कि "जो लोग मंत्री बनना चाहते थे. लेकिन नहीं बन सके. जो अगले कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद खो सकते हैं. वे हमारे संपर्क में हैं."


उन्होंने कहा कि "जिस दिन अजित पवार सरकार में शामिल हुए. शिंदे गुट के विधायकों ने बगावत शुरू कर दी. पश्चिमी महाराष्ट्र, उत्तरी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कई (शिंदे गुट) विधायक संदेश भेज रहे हैं कि वे 'मातोश्री' से माफी मांगना चाहते हैं और वहां वापस जाना चाहते हैं."


शिवसेना के उप नेता और राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि उद्धव ठाकरे गुट के 13 में से छह विधायक वास्तव में उनके संपर्क में थे. आगे उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ''कल तीन-चार विधायकों ने मुझसे बात की.'' 


संजय राउत ने यह भी कहा कि "सरकार के पास बहुमत था और फिर भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा समूह इसमें शामिल हो गया. इसका मतलब है कि शिंदे के नेतृत्व वाली सेना की अब कोई जरूरत नहीं है." उन्होंने बताया कि अजित पवार और आठ अन्य राकांपा विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. लेकिन शिंदे के समूह से किसी को भी शपथ नहीं दिलाई गई.


उन्होंने आगे दावा किया कि महाराष्ट्र को जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री मिलेगा. लेकिन सामंत ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया कि मुख्यमंत्री शिंदे पद छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ''जो कुछ भी हुआ उसे पूरा करने के लिए सीएम शिंदे ने भी पहल की थी.'' शिंदे खेमे के कुछ विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं और चिंता की कोई बात नहीं है"


शिंदे के नेतृत्व वाली सेना के सांसद गजानन कीर्तिकर ने बुधवार को कहा था कि कैबिनेट में विद्रोही एनसीपी समूह को शामिल करने से भाजपा और शिवसेना के मंत्री पद के उम्मीदवारों की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं. जिससे उनमें से कुछ नाराज हैं और शिंदे को इसकी जानकारी थी.


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