Mahbooba Mufti: आज सुप्रीम कोर्ट जम्मू व कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के मामले में फैसला सुना रहा है. इससे पहले जम्मू व कश्मीर की पीपुल डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर लिया गया है. पीडीपी ने दावा किया कि "सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले पुलिस ने महबूबा मुफ्ती के घर को सील कर दिया है और उनको गैर कानूनी तरीके से हाउस अरेस्ट कर दिया है."


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इस पर जम्मू व कश्मीर के लेफ्टीनेंट गवर्नर मनोज सिंहा ने रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा कि पीडीपी का दावा कि महबूबा मुफ्ती को हाउस अरेस्ट किया गया है. 'निराधार' बताया है. मनोज सिन्हा ने कहा कि "यह पूरी तरह से निराधार है. जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कारणों से किसी को भी नजरबंद या गिरफ्तार नहीं किया गया है. यह अफवाह फैलाने की कोशिश है."


इस बीच, अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने पत्रकारों को नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के श्रीनगर के गुपकर स्थित आवास के पास इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी. गुपकर रोड के प्रवेश बिंदु पर पुलिस कर्मियों की एक टीम तैनात की गई थी और पत्रकारों को नेकां नेताओं के आवास के आसपास कहीं भी जाने की अनुमति नहीं थी. अक्टूबर 2020 में अपना आधिकारिक आवास खाली करने के बाद उमर अब्दुल्ला अपने पिता के साथ रहते हैं.


जबकि फारूक अब्दुल्ला, जो श्रीनगर से संसद सदस्य हैं, मौजूदा संसद सत्र के लिए दिल्ली में हैं, उनका बेटा घाटी में है।


आपको बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और अन्य कश्मीरी नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीनने और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के लिए विधेयक पारित करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.