`कंगारू कोर्ट का फैसला ये दिखाता है कि अडानी आपके लिए कितना जरूरी`, सांसदी जाने पर बोलीं महुआ मोइत्रा
Mahua Moitra Expulsion: बंगाल से तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता चली गई है. एथिक्स कमेटी ने जांच की रिपोर्ट शुक्रवार को पेश की. जिसमें वह दोषी पाई गईं.
Mahua Moitra Expulsion: बंगाल से तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता चली गई है. एथिक्स कमेटी ने जांच की रिपोर्ट शुक्रवार को पेश की. जिसमें वह दोषी पाई गईं. महुआ मोइत्रा पर पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का इल्जाम बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था. हालांकि सांसद मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था और उन्होंने मानहानि का मुकदमा भी दर्जा कराया था.
लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद महुआ मोइत्रा ने पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ कोई भी प्रमाण नहीं थे. वो इस दौरान सत्तारूढ़ पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार इतना करने के बाद भी मुझे चुप नहीं करा सकती.
टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने कहा, "एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में मेरे लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश के पीछे की वजह लॉगिन आईडी शेयर करना बताया गया, लेकिन इसको लेकर कोई रूल नहीं है. अहम ये है कि मोदी सरकार मुझे चुप कराके अडानी ग्रुप मामले में चुप कराने की सोच रही है तो ऐसा बिल्कुल नहीं होगा. यह कंगारू कोर्ट का फैसला भारत को दिखाता है कि अडानी आपके लिए कितना जरूरी है".
क्या है एथिक्स कमेटी?
ज्ञात हो कि बीजेपी नेता के शिकायत के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एथिक्स कमेटी को भेजा था. इस कमिटी को इल्जामों की जांच करने का अधिकार होता है. इस कमिटी को कोई भी सांसद और व्यक्ति लिखित में शिकायत दे सकता है. इन 15 मेंबरों वाली एथिक्स कमिटी के चीफ बीजेपी सांसद विनोद सोनकर हैं. हालांकि, कमिटी के सामने आरोपी और शिकायतकर्ता दोनों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जाता है.