Waqf Amendment Bill: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर वक्फ भूमि घोटालों में शामिल होने का इल्जाम लगाए जाने के बाद अपोजिशन पार्टियों के कई सांसदों ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसदीय समिति की बैठक का बहिष्कार किया. इसके साथ ही विपक्षी सांसदों ने इल्जाम लगाया कि संसदीय समिति नियमों के मुताबिक काम नहीं कर रही है. संसद की संयुक्त समिति की बैठक के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और यह हंगामेदार रही.


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खरगे पर इल्जाम
विपक्षी दलों के सदस्यों ने मुसलमानों से संबंधित कानून पर चर्चा के लिए हिंदू समूहों के सदस्यों को बुलाने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया. कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग और कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पडी की प्रस्तुति के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने बहिर्गमन किया. वह कर्नाटक भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष भी हैं. मणिप्पडी ने वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने में कथित संलिप्तता के लिए खरगे और रहमान खान सहित कर्नाटक के कई कांग्रेस नेताओं और अन्य का नाम लिया. 


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विपक्षी सांसदों ने किया बहिष्कार
विपक्षी सांसदों ने संसदीय समितियों की कार्यवाही के नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि ऐसी समितियों की बैठकों में 'उच्च पदों पर आसाीन व्यक्ति’ के खिलाफ अप्रमाणित इल्जाम नहीं लगाए जा सकते. उन्होंने कहा कि मणिप्पडी ने मुसलमानों से विधेयक का विरोध नहीं करने की अपील की. उनके मुताबिक यह अपील भी नियमों के अनुरूप नहीं थी. विपक्ष के एक सांसद ने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ इल्जाम नहीं लगाए जा सकते जो खुद का बचाव करने के लिए बैठक में मौजूद नहीं हैं. 


मुस्लिम सांसदों ने चिंता जाहिर की
समिति के अध्यक्ष व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जगदंबिका पाल ने हालांकि, उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया और चर्चा जारी रखने की इजाजत दी. भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि प्रस्तुति विधेयक के लिए प्रासंगिक है क्योंकि मणिप्पडी का दावा वक्फ संपत्तियों से संबंधित है. कांग्रेस के गौरव गोगोई और इमरान मसूद, द्रमुक के ए राजा, शिवसेना के अरविंद सावंत, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्ला और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित विपक्षी सांसदों ने बैठक से बाहर आकर इसकी कार्यवाही के खिलाफ अपनी चिंता जाहिर की.