पहलवानों से ‘मारपीट’ के विरोध में सड़क पर उतरीं ममता, सचिन की हुई एंट्री
Mamat Banerjee in Support of Wrestler: दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन का मामला बढ़ता ही जा रहा है. अब इस मामले मं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सचिन तेंदुलकर की एंट्री हुई है.
Mamata Banerjee in Support of Wrestlers: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नई दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर पहलवानों के साथ कथित मारपीट के विरोध में बुधवार को यहां रैली की. बनर्जी ने अपने हाथ में एक तख्ती ले रखी थी जिस पर ‘‘हम न्याय चाहते हैं’’ लिखा था. रैली शहर के दक्षिणी हिस्से में हाजरा रोड चौराहे से शुरू हुई और रवींद्र सदन तक गई.
सड़क पर उतरीं ममता
बनर्जी 2.8 किलोमीटर लंबी इस रैली में अपने निर्वाचन क्षेत्र भबानीपुर में शामिल हुईं. उनके साथ पूर्व महिला फुटबॉल खिलाड़ी कुंतला घोष दस्तीदार और शांति मलिक, पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी अलवितो डी'कुन्हा, रहीम नबी और दीपेंदु बिस्वास तथा कई अन्य खेल हस्तियां और आम लोग थे. मंत्री अरूप बिस्वास और क्रिकेटर से मंत्री बने मनोज तिवारी ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए खेल विभाग द्वारा आयोजित रैली की अगुवाई की.
सचिन के खिलाफ नाराजगी
इस बीच पहलवानों का समर्थन न करने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. यूथ कांग्रेस ने बुधवार को सचिन तेंदुलकर के घर के बाहर पोस्टर लगा दिए. इसमें पहलानों का समर्थन न करने पर नाराजगी जाहिर की गई है.
गिरफ्तारी की कर रहे मांग
पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जिन पर कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवानों के अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ गंगा नदी में अपने पदक बहाने के लिए हर की पौड़ी पहुंचने के एक दिन बाद रैली का आयोजन किया गया. खाप और किसान नेताओं के हस्तक्षेप के बाद पहलवान अपने पदक गंगा नदी में न बहाने पर सहमत हुए.
क्या है पूरा मामला?
पहलवान सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से नयी दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे. 28 मई को नए संसद भवन की ओर कूच करने की उनकी कोशिश के बाद पुलिस ने उन्हें जंतर-मंतर से हटा दिया था. उन्हें हिरासत में लेने के बाद रिहा कर दिया गया था.
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