कुत्ता पालने के बाद मालिक की खुली थी किस्मत; उसकी मौत को बनाया यादगार, अब करेगा मृत्यु भोज
Shav Yatra on Dog Death: ओडिशा में एक परिवार ने अपने घर के कुत्ते की मौत के बाद उसकी शव यात्रा निकालकर हिंदू रीति-रिवाजों के साथ उसका अंतिम संस्कार किया, और अब उसने गांव में मृत्यु भोज कराने का भी वादा किया है.
भुवनेश्वरः ओडिशा के गजपति जिले के परलाखेमुंडी शहर में एक अजीब-ओ-गरीब मामला सामने आया है. जहां कई बार युद्ध, दुर्घटना और आपदाओं में मौत के बाद इंसानों के ढंग से अंतिम संस्कार नहीं हो पाते हैं, वहीं एक जानवर की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार की भव्यता को देखकर किसी भी इंसान को जलन हो सकती है.
ओडिशा के गजपति जिले के एक परिवार ने अपने पालतू कुत्ते की मौत पर अंतिम संस्कार जुलूस निकाला और हिंदू रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ उसका अंतिम संस्कार किया.
टुनू गौड़ा के परिवार ने अपने पालतू कुत्ते को शानदार अंतिम संस्कार के साथ ढोल-बाजे और पटाखे के साथ अंतिम विदाई दी. पालतू जानवर के पार्थिव शरीर को फूलों से सजे एक वाहन और अंजलि की तस्वीर वाले बैनर के साथ शमशान घाट ले जाया गया. बारिश के बावजूद अंतिम संस्कार में बड़ी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया और महेंद्र तनय नदी के तट पर मंत्रों का उच्चारण करते हुए शव का अंतिम संस्कार किया गया.
गौड़ा ने बताया कि अंजलि उनके परिवार के सदस्यों की तरह थी. वह 16 साल से ज्यादा वक्त से अपने परिवार के साथ रह रही थी. पिछले इतवार की रात उसकी मोत हो गई और सोमवार को उसका अंतिम संस्कार किया गया.
अंजलि के मालिक ने बताया कि 16 साल पहले जब वह (मादा) कुत्ते से पहली बार मिले थे, तब मुझे मेरे पिता की मौत के बाद जीविका चलाने के लिए अलग-अलग दुकानों में काम करने की आदत थी. उसके (कुत्ते) घर आने के बाद, मुझे कभी भी आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. इसलिए मैं उसे अपने परिवार के लिए बेहद लकी मानता था.’’ गौड़ा ने कहा कि वह परंपरा के मुताबिक, अंजलि की मौत के बाद की अन्य रस्में निभाएंगे और एक सामुदायिक दावत का आयोजन भी करेंगे, जैसे कि यह किसी इंसान की मौत के बाद किया जाता है.
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