Manipur Violence News: पिछले एक साल से हिंसा की आग में जल रहा है मणिपुर, गोलीबारी में 4 की मौत
Manipur Violence News: पिछले साल मई से इम्फाल घाटी में रहने वाले मीतेई समुदाय और मणिपुर के पड़ोसी पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
Manipur Violence News: मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले में उग्रवादियों और एक ही समुदाय के ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच भीषण गोलीबारी हुई है. जिसमें चार लोगों की मौत हो गई है. जबकि कई लोग घायल हो गए हैं. पुलिस ने यह जानकारी दी है. पुलिस ने बताया कि 9 अगस्त को मोलनोम इलाके में हुई मुठभेड़ में यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) का एक उग्रवादी और एक ही समुदाय के तीन ग्रामीण स्वयंसेवक मारे गए थे.
इसके जवाब में ग्रामीण स्वयंसेवकों ने यूकेएलएफ के स्वयंभू प्रमुख एस एस हाओकिप के आवास को फूंक दिया. अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी के पीछे पलेल इलाके में उगाही पर कंट्रोल की वजह हो सकती है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने खोजबीन अभियान चलाया लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. हालात नियंत्रण में है.
1 साल से हिंसा जारी
पिछले साल मई से इम्फाल घाटी में रहने वाले मीतेई समुदाय और मणिपुर के पड़ोसी पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. मणिपुर हिंसा को खत्म करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार सुरक्षा बलों की तैनाती से लेकर शांति समितियां बनाने जैसी पहल का ऐलान हो चुका है, लेकिन यह दुखद हकीकत है कि अब तक किसी भी सरकारी पहल का कोई सकारात्मक नतीजा देखने को नहीं मिला है.
अभी मणिपुर में सुलग रही है आग
आज भी वहां हिंसा की वही आग सुलग रही है, जो नीतिगत अदूरदर्शिता की वजह से हिंसा भड़की थी. हैरानी की बात यह है कि इस बीच सरकार के रवैये में कोई खास बदलाव नहीं आया है, जिससे हिंसा के नए सिरे से खत्म या समस्या के समाधान की उम्मीद जगे. तबाही के आंकड़े पेश करने के साथ-साथ इस स्थिति के लिए अपनी विफलता को स्वीकार करना भी जरूरी है और कम से कम राज्य में अब भी उलझी इस जटिल समस्या का कोई समाधान तो निकालना ही होगा.