राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को मिली मणिपुर सरकार से हरी झंडी, जानिए क्या शर्ते रखीं
मणिपुर सरकार ने बुधवार को राज्य की मौजूदा स्थिति का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा इंफाल से शुरू की जाने वाली 66 दिवसीय `भारत जोड़ो न्याय यात्रा` को अनुमति देने से इनकार कर दिया था.हालांकि अब मणिपुर सरकार ने कुछ शर्ते सामने रखते हुए राहुल गांधी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा की इजाजत दे दी है.
Bharat Jodo Nyay Yatra: मणिपुर सरकार ने बुधवार को राज्य की मौजूदा स्थिति का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा इंफाल से शुरू की जाने वाली 66 दिवसीय 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को अनुमति देने से इनकार कर दिया था. राज्य कांग्रेस पार्टी ने औपचारिक रूप से 2 जनवरी को एक एपलीकेशन लिख कर 14 जनवरी को इंफाल पूर्वी जिले के हट्टा कांगजीबुंग मैदान से रैली शुरू करने की अनुमति मांगी थी.
हालांकि अब मणिपुर सरकार ने कुछ शर्ते सामने रखते हुए राहुल गांधी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा की इजाजत दे दी है.
इंफाल पूर्वी जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा कि, "किसी भी हिंसात्मक घटना और कानून-व्यवस्था में गड़बड़ी को रोकने के लिए 14 जनवरी को केवल सीमित संख्या में प्रतिभागियों के साथ यात्रा को हरी झंडी दिखाने की अनुमति दी गई है.इतना ही नही प्रतिभागियों की संख्या और नाम कार्यालय को एडवांस में उपलब्ध कराया जाए ताकि कार्यालय सभी ज़रूरी एहतियाती उपाय कर सके.
आपको बता दें आदेश में आगे यह भी बताया गया कि इंफाल पूर्वी जिले के पुलिस अधीक्षक ने एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें कहा गया है कि कार्यक्रम स्थल पर भारत जोड़ो न्याय यात्रा के उद्घाटन समारोह के दौरान भारी भीड़ होने की पूरी-पूरी उम्मीद है. राज्य में मौजूदा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, भारी भीड़ से कानून व्यवस्था में दिक्कत पैदा हो सकती है. इसके अलावा इंफाल पूर्वी जिले में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू करदी गयी है.
14 जनवरी को शुरू होने वाली यात्रा 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और उसमे भाग लेने वाले प्रतिभागी बसों से और पैदल यात्रा करेंगे. 2024 के आम चुनाव से पहले आयोजित की जा रही यह यात्रा 66 दिनों में 110 जिलों,100 लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगी. एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़घे रैली को हरी झंडी दिखाएंगे जो 14 राज्यों और 85 जिलों को कवर करने के बाद 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी.
एमपीसीसी अध्यक्ष का कहना है कि “यात्रा कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. यह लोगों के लिए एक कार्यक्रम है. इसलिए, मणिपुर और भारत के लोगों के समर्थन से हम योजना के अनुसार रैली करेंगे.