Manipur News: मणिपुर में हालात नॉर्मल होने का नाम नहीं ले रहे हैं. सरकार पर इल्जाम लग रहा है कि वह हिंसा को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा पा रही है. अब इस मामले में अमित शाह का बयान आया है. उनका कहना है कि वह मैतई और कुकी समुदाय से बात करने वाले हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि सरकार मणिपुर में जातीय विभाजन को पाटने के लिए जल्द से जल्द मीतेई और कुकी दोनों से बात करेगी.


अमित शाह ने क्या कहा?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि सरकार मणिपुर में जातीय विभाजन को पाटने के लिए जल्द से जल्द मीतेई और कुकी दोनों से बात करेगी, साथ ही सुरक्षा बलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि “राज्य में हिंसा की कोई और घटना नहीं होनी चाहिए”.


गृह मंत्री ने मणिपुर में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए केंद्रीय बलों की रणनीतिक तैनाती करने को कहा, साथ ही कहा कि आवश्यकता पड़ने पर बलों की संख्या बढ़ाई जाएगी. शाह ने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के इस महीने की शुरूआत में दोबारा सत्ता में आने के बाद मणिपुर पर केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित पहली उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए की है.


मीटिंग में कौन-कौन था शामिल


इस मीटिंग में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका, सेना प्रमुख के पद पर मनोनीत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी सी नायर, मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव सिंह और सेना तथा राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.


इस मीटिंग में गृह मंत्री ने मणिपुर में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए केंद्रीय बलों की रणनीतिक तैनाती पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर बलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए."


शाह ने अधिकारियों से कहा कि सरकार “मणिपुर के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है”. इसके साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव को विस्थापित लोगों के लिए उचित स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाएं तथा उनके पुनर्वास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है.


आरएसएस ने लिया था सरकार को आड़े हाथों


10 जून को आरएसएस के चीफ मोहन भागवत ने सरकार पर सवाल खड़े किए थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है और इस मुद्दे को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. 


नागपुर में आरएसएस प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, "मणिपुर पिछले एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है. 10 साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगा था कि वहां बंदूक कल्चर खत्म हो गया है. लेकिन राज्य में अचानक हिंसा देखने को मिली है."