Manipur Violence: 29 मई को देश के गृह मंत्री अमित शाह ( AMIT SHAH ) मणिपुर पहुंचेंगे. एक ओर मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं रविवार को मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क गई. ये हिंसा प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में हुई.इस हिंसा में पुलिसकर्मी सहित पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है तो घायलों की संख्यां 12 बताई जा रही है.  


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आपको बताते दें कि पिछले महिने पूरे मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण 80 लोगों को मारे जाने की पुष्टि हुई थी. जिसको लेकर के प्रदेश के सीएम एन बीरेन सिंह ( N BIREN SINGH )  ने एक बयान जारी कर के बताया कि उन्हें एक रिपोर्ट मिली है कि इस हिंसा के दौरान 40 आतंकवादी मारे गए हैं.


और मुख्यमंत्री ने कहा कि मारे गए आतंकवादी आम नागरिकों के खिलाफ आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे थे. जिसमें  एके-47 असॉल्ट राइफलों और स्नाइपर गन शामिल है. ये सभी आतंकवादी गांवों और घरों को जलाने के लिए आए थे. इस कार्रवाई में सेना और सुरक्षा बलों ने आतंकवादी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 40 आतंकवादी को मार गिराया.


मुख्यमंत्री ने की दोनों समुदाय से अपील
आज देश के गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर के दौरे पर पहुंचेंगे. इसको लेकर के मुख्यमंत्री ( N BIREN SINGH ) ने दोनों समाजों कुकी जनजाति और मैतेई समुदाय से शांति बनाए रखने और सामान्य स्थिति लाने के लिए काम करने की अपील की है. और इससे पहले देश के सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ( GENERAL MANOJ PANDE / Chief of Army Staff of the Indian Army ) शनिवार को मणिपुर पहुंचे और कानून व्यवस्था की समीक्षा की. 


प्रदेश के कई हिस्सों में इंटरनेट पर बैन
दरअसल, पिछले महीने राज्य में हिंसा तब भड़क उठी थी जब आदिवासी समूहों, मुख्य रूप से कुकी ने मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग का विरोध किया था. इससे उन्हें आरक्षण का लाभ और वन भूमि तक पहुंच प्रदान करता. सरकार ने हिंसा को और बढ़ने से रोकने के लिए कई क्षेत्रों में कर्फ्यू और इंटरनेट पर बैन लगा दिया है.


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इस कारण से हुई थी हिंसा
सरकार ने हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए कई क्षेत्रों में  इंटरनेट पर बैन लगा दिया है.और साथ ही कर्फ्यू भी लगा दिया है. मणिपुर में हिंसा दरअसल पिछले महिना तब भड़की थी जब दो समुदाय आदिवासी समूहों, मुख्य रूप से कुकी ने मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग का विरोध किया था. जिसको लेकर के हिंसा उग्र हो गई थी. जिसमें कई निर्दोष लोगों की मौत हो गई.