मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी बने इमारते शरिया के आठवें अमीर, पहली बार हुई वोटिंग
वैसे तो अमीर का इंतेखाब आम राय से होना था लेकिन दो लोगों की दावेदारी से अमीर के इंतेखाब के लिए वोटिंग की नौबत आ गई. इमारत शरिया के अमीर के लिए पहला मौका रहा, जब वोटिंग कराने की नौबत आ गयी.
नई दिल्ली: मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी इमारते शरिया के आठवें अमीरे शरीयत मुन्तख़ब हुए हैं. बिहार-झारखंड और ओडिशा का सबसे बड़ा मुस्लिम इदारा कहे जाने वाला इमारत-ए-शरिया के आठवें अमीर के तौर पर मुंतखब हुए हैं. रहमानी का तालुक बिहार के मुंगेर खानकाह से जो इस इदारे के सातवें अमीर-ए-शरिया मौलाना वली रहमानी के साहबजादे हैं.
वैसे तो अमीर का इंतेखाब आम राय से होना था लेकिन दो लोगों की दावेदारी से अमीर के इंतेखाब के लिए वोटिंग की नौबत आ गई. इमारत शरिया के अमीर के लिए पहला मौका रहा, जब वोटिंग कराने की नौबत आ गयी. जिसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा और मग़रिबी बंगाल समेत अन्य राज्यों के कुल 851 नुमाईन्दों में से 543 लोग शामिल हुए.
सख्त हिफाजती इंतेजामात के बीच हुए इंतखाब में मौलाना अहमद फैसल वली रहमानी को 347 जबकि मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी को 196 वोट मिले. अहमद वली फैसल रहमानी अमेरिका के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से आईटी में कॉलेज टॉपर हैं. जहां बाद में उन्हें वहां लैक्चरर के तौर पर तकर्रूर कर लिया गया. कई मल्टीनेशनल कंपनियों में बड़े ओहदे पर भी रह चुके अहमद वली फैसल रहमानी अरबी, अंग्रेजी के साथ दीनी और दुनियावी तालीम में अच्छी पकड़ रखते हैं.
इमारत-ए-शरिया हेडक्वॉटर में उमड़ी भारी भीड़ से खिताब करते हुए नए अमीर ए शरीयत मौलाना अहमद फैसल वली रहमानी ने सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि इमारत शरिया की एक तारीखी रिवायत को संभालने की बड़ी जिम्मेदारी मिली है. इमारत शरिया शुरू से ही मुल्क और समाज की तरक्की के लिए काम करता रहा है जो आगे भी जारी रहेगा.
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