Maulana Tauqir Raza का ऐलान, दिल्ली के रामलीला मैदान में नरसिंहानंद के खिलाफ होगी बड़ी रैली
Maulana Tauqir Raza: मौलाना तौकीर रज़ा ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि दशहरा के बाद वह दिल्ली के रामलीला मैदान में नरसिंहानंद के खिलाफ रैली करने वाले हैं. जिसमें देश के अलग-अलग लोग हिस्सा लेंगे.
Maulana Tauqir Raza: इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. पैगंबर मोहम्मद (स.) के खिलाफ पुजारी यति नरसिंहानंद की टिप्पणी को लेकर चल रहे विवाद के बीच, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा है कि दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा, खान ने कहा कि "नरसिंहानंद जैसे लोग पैगंबर का अपमान कर रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है".
मौलाना तौकीर रजा का बड़ा ऐलान
मौलाना तौकीर रजा खान ने संवाददाताओं से कहा,"दशहरा मेले के बाद पूरा देश दिल्ली की सड़कों पर उतरेगा और रामलीला मैदान में एक बड़ा प्रदर्शन होगा. इसमें सिर्फ बरेली ही नहीं बल्कि पूरे देश के लोग हिस्सा लेंगे." उन्होंने आगे कहा,"अब देश के मौजूदा हालात के खिलाफ धरना या ज्ञापन नहीं बल्कि बड़ा आंदोलन होगा."
पीएम नरेंद्र मोदी पर लगाया बड़ा इल्जाम
खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केवल सनातन धर्म के लिए काम करने का आरोप लगाया. तौकीर रज़ा का कहना है कि दूसरे धर्मों के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों और उनके पैगंबर की आस्था के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
देश में दो तरह के चल रहे हैं कानून
उन्होंने कहा,"देश में दो तरह के कानून चल रहे हैं. एक आम नागरिकों के लिए और दूसरा मुसलमानों के लिए." इस्लाम छोड़कर दूसरा धर्म अपनाने वाली लड़कियों के बारे में उन्होंने कहा कि इस्लाम को ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है. खान ने कहा कि कुछ संगठन और व्यक्ति महापुरुषों के खिलाफ अपमानजनक बयान देते हैं, जिससे देश में अशांति पैदा होती है. उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि देश में शांति रह सके.
नरसिंहानंद के खिलाफ मामला दर्ज
3 अक्टूबर को सब-इंस्पेक्टर त्रिवेंद्र सिंह ने नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि 19 सितंबर को उन्होंने लोहिया नागा में हिंदी भवन में एक कार्यक्रम के दौरान एक समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी और इसे बीएनएस की धारा 302 (किसी की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने के लिए शब्द बोलने या आवाज निकालने के अपराध से संबंधित) का उल्लंघन बताया था.