भोपालः भाजपा नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार द्वारा एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों (MBBS Student) के लिए हिंदी मीडियम की पाठ्य पुस्तकें जारी करने के कुछ दिनों बाद, इसने सभी मेडिकल कॉलेजों (Medical Collages) को धनतेरस पर धन्वंतरि ( God Dhanvantari) की पूजा करने का निर्देश दिया है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (medical education minister Vishwas Sarang) ने बुधवार को यह घोषणा की है. सारंग ने कहा, "दशहरा और दिवाली के दौरान, लोग अपनी संपत्ति और वाहनों की पूजा करते हैं और नई संपत्ति भी खरीदते हैं, लेकिन वे अपने स्वास्थ्य के लिए पूजा नहीं करते हैं. इसीलिए सरकार ने लोगों को भगवान धन्वंतरि ( Worship Dhanvantari) की पूजा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया है.“


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डॉक्टर, छात्र, मरीज और परिचारक सभी इस प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे 
मंत्री ने प्रेस को बताया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में हर साल गणपति उत्सव की तर्ज पर धनतेरस धूमधाम से मनाया जाएगा. सारंग ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में धन्वंतरि पूजा आयोजित करने के पीछे मध्य प्रदेश को एक स्वस्थ राज्य बनाना है.सारंग ने कहा, ’’भगवान धन्वंतरि की पूजा करके, हम अपने और दूसरों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं. धनतेरस (जो इस साल 22 अक्टूबर को पड़ने वाला है) पर, राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एक कार्यक्रम आयोजित करके भगवान धन्वंतरि की पूजा करेंगे. सभी डॉक्टर, छात्र और परिचारक रोगी इस प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे और सभी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करेंगे.’’
 


ऐसे आदेशों के लिए पहले भी विवादों में रहे हैं मंत्री सारंग 
गौरतलब है कि इससे पहले भी मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने वाले डॉक्टरों से भगवान धन्वंतरि की शपथ लेने का आदेश दिया था, जिसपर काफी बवाल मचा था. दुनियाभर के साथ भारत में आजादी के पहले से मेडिकल छात्र डॉक्टर बनने के लिए एलोपैथ चिकित्सा पद्धति के जनक हिप्पोक्रेटिस के नाम की शपथ लेते हैं. इस बीच, कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वह “स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के बजाए लोगों का ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. भाजपा ने 17 वर्षों से ज्यादा के शासन में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा लगातार बिगड़ रहा है. डॉक्टरों की कमी है. स्पताल में दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन वे इन मुद्दों पर बात नहीं करते हैं.“


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