नई दिल्लीः राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मुस्लिम ई-रिक्शा चालक की कथित तौर पर पिटाई किए जाने और ‘जय श्रीराम’ का नारा लगवाने के मामले में शुक्रवार को शहर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की है. आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद के आदेश पर कानपुर (नगर) के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया गया और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई. रशीद ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के कानपुर में कल हुई घटना का अल्पसंख्यक आयोग ने मेरे आदेश पर फौरन संज्ञान लिया और कानपुर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया.’’ आयोग की तरफ से जारी नोटिस में ये सूचना मांगी गई है कि ‘पिटाई करने वाले आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है और इनके खिलाफ किन धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है? भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?’ अल्पसंख्यक आयोग ने पुलिस से यह सवाल भी किया, ‘‘जिन पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में पिटाई हुई, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? इस घटना के समय पीड़ित की बच्ची के बाल अधिकार का भी हनन हुआ है, इस संदर्भ में क्या कार्रवाई हुई है? क्या बच्ची का बयान रिकॉर्ड किया गया?’’ 


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जबरन नारे लगाने और पिटाई मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार  
मुस्लिम ई-रिक्शा चालक की कथित तौर पर पिटाई और उससे जबरन ’जय श्री राम’ का नारा लगवाने को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से जुड़े एक शख्स सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि यह घटना कानपुर के बर्रा इलाके में कच्ची बस्ती में बुधवार को हुई. सोशल मीडिया पर वायरल इस घटना के एक मिनट के वीडियो में 45 वर्षीय असरार अहमद को कुछ लोगों के जरिए पीटते और उससे ’जय श्री राम’ का नारा लगवाते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में अहमद की बेटी अपने पिता को बचाने का प्रयास करते हुए और रोते हुए हमलावरों से पिता को नहीं पीटने की गुहार लगाते हुए दिख रही है.


करणी सेना के 11 लोगों पर मेहंदी कलाकारों को धमकाने का मामला दर्ज
दूसरी जानिब मुजफ्फरनगर में करणी सेना के ग्यारह लोगों और दो दर्जन अज्ञात लोगों पर मुस्लिम मेहंदी कलाकारों को हिंदू लड़कियों और महिलाओं को मेहंदी लगाने से रोकने के प्रयास के लिए मामला दर्ज किया है. दो दिन पहले हरियाली तीज पर, सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें कथित तौर पर मुजफ्फरनगर के एक बाजार में करणी सेना के सदस्यों को मुस्लिम कलाकारों द्वारा मेहंदी ना लगाने के लिए महिला से पूछते हुए दिखाया गया था. करणी सेना के महासचिव मनोज सैनी ने कहा था, उन्हें लगता है कि मुस्लिम युवक हिंदू लड़कियों को लुभाते हैं और मेहंदी लगाने के बहाने लव जिहाद में फंसाते हैं. 


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