मुस्लिम वर्ल्ड में एर्दोआन, किंग सलमान, इमरान ख़ान की तरह इज़्ज़तदार हैं कश्मीर के `बाग़ी` मीरवाइज़
जम्मू-कश्मीर के सियासी और मज़हबी तौर पर सबसे असरदार नेताओं में शुमार किए जाने वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के सद्र मीरवाइज़ को दुनिया की 500 सबसे असरदार मुस्लिम हस्तियों में शामिल किया गया है. इस ख़बर से संबंधित और जानकारी के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Mirwaiz Umar Farooq: भारत की केंद्र सरकार की हिट लिस्ट में शामिल हुर्रियत कांफ्रेंस के सद्र और इस्लामी स्कॉलर मीरवाइज़ उमर फारूक़ इन दिनों अपने घर में नज़रबंद हैं. जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के वक़्त नज़रबंद किए गए लीडरों में से एक मीरवाइज़ भी थे. मीरवाइज़ और उनके हामियों के लिए एक अहम ख़बर यह आई है कि उन्हें दुनिया के 500 सबसे असरदार मुसलमानों की लिस्ट में शामिल किया गया है. हालांकि केंद्र सरकार मीरवाइज़ को अलगाव वादी लीडर मानती है और उन्हें कश्मीर की एकता के लिए ख़तरा मानती है. लेकिन इस सिलसिले में मनोज सिन्हा ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि मीरवाइज़ नजरबंद नहीं हैं वो जहां मर्ज़ी जा सकते हैं, वो ख़ुद तय करें कि उन्हें क्या करना है. LG मनोज सिन्हा के इस बयान के बाद जब मीरवाइज़ ने घर से निकलने की कोशिश की तो उन्हें पुलिस ने बाहर निकलने से इनकार कर दिया.
दुनिया के दिग्गज नेताओं की लिस्ट में शामिल मीरवाइज
इस लिस्ट में मीरवाइज़ उमर फारूक़ के अलावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, सऊदी अरब के बादशाह सलमान, ईरान के अयातुल्ला खामेनेई और जॉर्डन के बादशाह अब्दुल्ला जैसे नेता भी शामिल हैं. हुर्रियत की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा कि जॉर्डन में मौजूद रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटेजिक स्टडीज सेंटर (आरआईएसएससी) ने जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी के सहयोग से जारी सालाना लिस्ट जारी की है. जो सोमवार को पब्लिश की है.
किस वजह से किया गया लिस्ट में शामिल
बयान के मुताबिक आरआईएसएससी-जॉर्डन ने उनके बारे में कहा, "वह (फारूक) भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बातचीत की वकालत कर रहे हैं ताकि कश्मीरी लोगों की उम्मीदों को साकार किया जा सके." बता दें कि मीरवाइज को इस लिस्ट में पहली बार जगह नहीं मिली है. एक खबर के मुताबिक उन्हें इस लिस्ट में लगातार 8वीं बार शामिल किया गया है. एक कश्मीरी वेबसाइट पर 1 फरवरी 2021 को खबर पब्लिश हुई थी, जिसमें उन्हें लगातार 7वीं बार इस लिस्ट में शामिल होने की बात कही गई है.
क्या है आरआईएसएससी (What is RISSC)
रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटेजिक स्टडीज़ सेंटर एक इंडिपेंडेंट रिसर्च आर्गनाइजेशन है और एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक ग़ैर-सरकारी संस्थान है, जिसका हेडक्वॉर्टर जॉर्डन की राजधानी अम्मान में मौजूद है. यह आर्गनाइजेशन रॉयल अल-बेत इंस्टीट्यूट फॉर इस्लामिक थॉट से जुड़ी है.
"2019 से नज़रबंद हैं मीरवाइज"
हुर्रियक कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज 5 अगस्त 2019 से अपने घर में नजरबंद हैं. 2019 में जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई थी तो उस वक्त कई नेताओं को नजरबंद किया गया था. इनमें मीरवाइज उमर फारूक भी शामिल थे. उनके हिमायतियों का कहना है कि उन्हें यह भी नहीं मालूम कि उनके नेता (मीरवाइज) को किन-किन आरोपों में नजरबंद किया हुआ है.
नज़रबंद नहीं हैं मीरवाइज़, वो ख़ुद तय करें क्या करना है: LG
इस संबंध में जब बीबीसी ने जम्मू-कश्मीर के गवर्नर से सवाल किया कि तो उन्होंने कहा कि मीरवाइज़ पर 2019 में भी उन पर पीएसए (PSA) नहीं लगा था और वो बंद नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा कि उनके अगल-बगल पुलिस को इसलिए रखा जाता है ताकि वो महफूज़ रहें, क्योंकि उनके पिता का बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया था. गवर्नर मनोज सिन्हा ने आगे कहा कि वो खु़ुद तय करें कि उन्हें क्या करना है. वो हमारी तरफ से नज़र बंद नहीं हैं और वो पूरी तरह से कहीं भी आने जाने के लिए आज़ाद हैं. मनोज सिन्हा ने इस दौरान कहा कि मैं बहुत ज़िम्मेदारी के साथ यह बात कह रहा हूं.
"घर से बाहर निकले तो पुलिस ने रोक लिया"
LG मनोज सिन्हा का यह इंटरव्यू जब सामने आया मीरवाइज़ हैरान हुए और उन्होंने अब घर से बाहर निकलने के बारे में सोचा. साथ ही यह भी ख़बर आई कि वो 26 अगस्त 2022 (शुक्रवार) को जामा मस्जिद में पहले की तरह जुमे की नमाज़ पढ़ाएंगे. लेकिन जैसे ही मीरवाइज़ नमाज़ पढ़ाने के लिए घर से बाहर निकले तो वहां तैनात पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक लिया. एक जानकारी के मुताबिक़ पुलिस ने दलील दी कि उन्हें ऐसा कोई हुक्म नहीं मिला कि मीरवाइज़ को बाहर जाने की इजाज़त है. हालांकि इस दौरान हुर्रियत नेता की तरफ से पुलिस को गवर्नर मनोज सिन्हा के बयान के बारे में बताया लेकिन कोई बात नहीं बनी.