UP Politics: पूर्वी उत्तर प्रदेश के दो बड़े नेताओं के बीच अहम की अनोखी लड़ाई ने सभी को हैरान कर दिया है. अपना दल (एस) नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एक-दूसरे के खिलाफ बयान जारी कर रहे हैं, जिससे इलाके में राजनीतिक समीकरण हिल गए हैं. दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और न ही उनकी पार्टियां चुनावी लड़ाई में आमने-सामने हैं. फिर भी दोनों एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अब रानी के पेट से नहीं पैदा होता है राजा- अनुप्रिया पटेल
अपना दल (एस) नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल आम तौर पर एक गैर-विवादास्पद राजनेता के रूप में जानी जाती हैं, लेकिन उन्होंने राजा भैया को लेकर ऐसा बयान दिया कि प्रदेश की सियासी पारा हाई हो गया. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल कहा था, "लोकतंत्र में राजा, रानी के पेट से पैदा नहीं होता हैं. स्वघोषित राजाओं को लगता है कुंडा उनकी जागीर, उनके भ्रम को तोड़ने का अब आपके पास आपके पास अब बहुत बड़ा मौका है."


उन्होंने आगे कहा, "मैं आपसे कहना चाहती हूं कि इस बार EVM का बटन दबाने जाएंगे, तो याद रखिएगा कि सिर्फ मतदाता ही सर्वशक्तिमान है." केंद्रीय मंत्री का ये बयान सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया गया था. 


राजा भैया ने किया पलटवार
इसके बाद राजा भैया ने अनुप्रिया पटेल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, "राजा या रानी अब पैदा होना बंद हो गए हैं. ईवीएम से राजा नहीं पैदा होता है, ईवीएम से जनसेवक पैदा होता है या जनता का प्रतिनिधि पैदा होता है. ईवीएम से पैदा होने वाले अगर अपने आप को राजा मान लेंगे तो लोकतंत्र की मूल भावना ही हार जाएगी. जनता जनार्दन आपको ये मौका देती है कि आप मेरी और इलाके की सेवा करें. राजतंत्र तो कब-का खत्म हो गया है. कुछ कुंठित लोग हैं जो ये करते हैं उनसे मुझे कोई शिकायत नहीं है."


क्या है पूरा मामला
दरअसल, लोकसभा चुनाव में राजा भैया ने अपने समर्थकों से अपील की थी कि वह अपने इच्छा के मुताबिक, किसी भी पार्टी को सपोर्ट कर सकते हैं और उन्हें वोट करें, लेकिन आखिर में उन्होंने अपना समर्थन समाजवादी पार्टी को दे दिया. उनकी पार्टी के कार्यकर्ता सपा उम्मीदवार रमेश बिंद के लिए प्रचार करने के लिए मिर्ज़ापुर पहुंच रहे हैं, जो भदोही से बीजेपी के मौजूदा सांसद हैं, लेकिन टिकट कटने के बाद सपा में शामिल हो गए.


इस वजह से असहज है अनुप्रिया पटेल
प्रतापगढ़ के भदरी एस्टेट के वंशज राजा भैया 1993 से कुंडा से सात बार विधायक रहे हैं और कुंडा और उसके आसपास के इलाकों में उनका दबदबा है. राजनीतिक गलियारों में पासी समुदाय के बीच उनकी लोकप्रियता जगजाहिर है. यह लड़ाई शुरू होने तक अनुप्रिया पटेल अपने निर्वाचन क्षेत्र में सहज थीं, क्योंकि राजा भैया ने अपनी तटस्थता बनाए रखी थी. लेकिन उनके समर्थक अब आक्रामक तरीके से सपा के लिए प्रचार कर रहे हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में जमीनी हालात बदल सकते हैं.


बीजेपी के मौजूदा सांसद संगम लाल गुप्ता प्रतापगढ़ से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि सपा ने एसपी सिंह पटेल को मैदान में उतारा है और प्रथमेश मिश्रा बसपा के उम्मीदवार हैं. मिर्ज़ापुर में अनुप्रिया पटेल का मुक़ाबला सपा के रमेश बिंद और बसपा के मनीष त्रिपाठी से है. प्रतापगढ़ में 25 मई को मतदान होगा जबकि मिर्ज़ापुर में 1 जून को आखिरी में मतदान होगा.